
बजट आज तक (Budget Aajtak 2023) के कार्यक्रम में केंद्रीय रोड, ट्रांसपोर्ट और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शिरकत की. देश में फैसले एक्सप्रेसवे के नेटवर्क पर उन्होंने बात की और सरकार के विजन को साझा किया. गड़करी ने कहा कि देश के विकास के लिए चार चीजें- वाटर पावर, ट्रांसपोर्ट और कॉम्युनिकेशन जरूरी है. इससे रोजगार बढ़ेगा. देश की इकोनॉमी अमृतकाल में बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही है. एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने देश का बजट पेश किया था.
इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सबसे अधिक फंड
नितिन गडकरी ने कहा कि बजट में सबसे ज्यादा फंड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दिया गया है. जब इंफ्रा पर काम होगा तो निवेश आएगा. इंडस्ट्रीज लगेगी, लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे गरीबी दूर होगी. इसलिए बजट में सबसे ज्यादा रोजगार पर ध्यान दिया गया है. उन्होंने कहा कि 26 ऐसे रोड बन रहे हैं, जहां हवाई जहाज लैंड होंगे.
नितिन गडकरी ने कहा कि आज हमारा 40 हजार करोड़ का टोल से इनकम है और आगे ये एक लाख करोड़ रुपये तक होगा. NHAI का कभी घाटा नहीं होता. हम जो रोड बनाते हैं उसकी लागत 15 साल में निकल आती है.
गडकरी ने कहा कि इस बार के बजट में हमारे मंत्रालय को जो 2 लाख 70 हजार करोड़ रुपये मिले हैं. उससे मैं 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का काम करता हूं. उन्होंने कहा कि आज हमारे ऐसेट 70 हजार करोड़ से अधिक के हैं.
उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन उपकरण इंडस्ट्री तीन गुना बढ़ी है. गड़करी ने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने साढ़े चार करोड़ लोगों को नौकरी दे चुकी है. साढ़े चार लाख नौकरियां अगले पांच साल में ऑटोमोबाइल सेक्टर में बनेंगी.
इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट 10 लाख करोड़
सरकार ने 2023-24 के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाक 10 लाख करोड़ रुपये किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि पूंजी निवेश 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा. इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कि सड़कों एवं राजमार्गों, रेलवे, आवासन और शहरी कार्य पर विशेष जोर देने के लिए पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी हुई है. ये सीधे तौर पर देश के आर्थिक विकास को प्रभावित करते हैं.
जिलों को हाईवे से जोड़ने का प्लान
आर्थिक सर्वे में सरकार ने बताया था कि वित्त वर्ष 2016 के 6061 किलोमीटर की तुलना में वित्त वर्ष 2022 के दौरान 10,457 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों/सड़कों का निर्माण किया गया है. नेशनल हाईवे नेटवर्क में पिछले आठ वर्षों के दौरान 55 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने बताया था कि सरकार भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 550 जिले को हाईवे से जोड़ने के प्लान पर काम कर रही है. इकोनॉमिक कॉरिडोर की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी.