
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) को लेकर एक बड़ा अपडेट आया है. कहा जा रहा था कि सरकार जल्द ही EPF पर मिलने वाले ब्याज दर में बदलाव कर सकती है. पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) के डिपॉजिट पर 8.1 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी थी. अब संसद में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली (Rameswar Teli) ने ब्याज दर में बदलाव को लेकर सरकार का रुख साफ कर दिया है. उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को जानकारी दी है.
बदलाव को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं
रामेश्वर तेली से पूछा गया था कि क्या सरकार EPF में जमा राशि पर ब्याज की दर में इजाफा करने पर पुनर्विचार करेगी. इसका जवाब देते हुए उन्होंने साफ किया कि ब्याज दर पर पुनर्विचार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. साथ ही रामेश्वर तेली ने बताया कि ईपीएफ की ब्याज दर कई सरकारी योजनाओं पर मिल रहे ब्याज दर से अधिक है. उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (7.40 फीसदी) और सुकन्या समृद्धि खाता योजना (7.60 फीसदी) पर मिल रहे ब्याज से ईपीएफ की ब्याज दर (8.10 फीसदी) अधिक है.
सीबीटी की सिफारिश के आधार पर केंद्र ने इस साल जून में 2021-22 के लिए पीएफ जमा पर 8.1 प्रतिशत की ब्याज दर को मंजूरी दी थी. राज्य मंत्री ने कहा कि ब्याज दर ईपीएफ के निवेश से प्राप्त आय पर निर्भर है. इसे केवल ईपीएफ योजना, 1952 के अनुसार ही वितरित किया जाता है.
चार दशकों में सबसे कम ब्याज
अभी पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर कई दशकों के सबसे निचले स्तर पर है. ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए पीएफ के ब्याज की दर 8.1 फीसदी तय किया है. यह 1977-78 के बाद पीएफ पर ब्याज की सबसे कम दर है. इससे पहले 2020-21 में पीएफ पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा था. फिस्कल ईयर 2020-21 (FY21) में पीएफ की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया था. इससे ठीक एक साल पहले 2019-20 में इस ब्याज दर को 8.65 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी किया गया था.
कहां निवेश होता पीएफ का पैसा
ईपीएफओ पीएफ अकाउंट होल्डर के खाते में जमा राशि को कई जगहों पर निवेश करता है. इस निवेश से होने वाली कमाई का एक हिस्सा ब्याज के रूप में खाताधारकों को देता है. अभी ईपीएफओ 85 फीसदी हिस्सा डेट (Debt) ऑप्शंस में इन्वेस्ट करता है. इनमें सरकारी सिक्योरिटी (Govt Securities) और बॉन्ड (Bond) भी शामिल हैं. बाकी के 15 फीसदी हिस्से को ईटीएफ (ETF) में लगाया जाता है. डेट और इक्विटी से हुई कमाई के आधार पर पीएफ का ब्याज तय होता है.