Advertisement

अब Credit Suisse Bank संकट में, क्या 2008 जैसी दुनिया में आएगी मंदी? भारत पर ये होगा असर

क्रेडिट सुइस बैंक पर संकट उस वक्त बढ़ा जब ग्रुप के सबसे बड़े निवेशक सऊदी नेशनल बैंक के चेयरमैन ने और निवेश करने से इंकार दिया है. इसके बाद बैंक शेयरों में ताबड़तोड़ बिकवाली देखने को मिली और बैंक डिपॉजिट संकट के घेरे में फंस गया.

कितना बड़ा है क्रेडिट सुइस बैंक का संकट? कितना बड़ा है क्रेडिट सुइस बैंक का संकट?
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:04 PM IST

अमेरिका के बाद यूरोप पहुंचे बैंकिंग संकट (Banking Crisis) के चलते पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी की आशंका गहरा गई है. यूरोप के सबसे बड़े बैंकों में से एक क्रेडिट सुइस (Credit Suisse Bank) का हाल बदहाल है. क्रेडिट सुइस स्विट्जरलैंड का दूसरा सबसे बड़ा बैंक, जिसके शेयर एक दिन में 25 फीसदी तक टूटे हैं. दुनिया के टॉप इकोनॉमिस्ट में से एक नूरील रौबिनी ने चेतावनी दी है कि अगर क्रेडिट सुइस को समय पर पूंजी नहीं मिली, तो संकट गंभीर हो सकता है. रौबिनी उन कुछ लोगों में से हैं, जिन्होंने 2008 के वित्तीय संकट की भविष्यवाणी की थी. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये कि अमेरिका और यूरोप का बैंकिंग संकट क्या भारत में भी वित्तीय संकट पैदा कर देगा? 

Advertisement

क्या भारतीय बैंकिंग सेक्टर पर पड़ेगा असर?

माना जा रहा है कि अमेरिका और यूरोप के बैंकिंग संकट का भारत के वित्तीय सेक्टर पर कुछ खास असर नहीं पड़ने वाला है. इसके पीछे कई वजहें गिनाई जा रही हैं. इनमें से एक ये है कि भारत के बैंकिंग और फाइनेंसियल सेक्टर के नियम और कानून दुनिया के अन्य देशों से अलग हैं. लेकिन क्रेडिट सुइस भारत के टॉप 15 विदेशी बैंकों में से एक है. भारत में इसके पास 20,000 करोड़ रुपये की एसेट वैल्यू है. फाइनेंसियल सर्विस प्रोवाइडर जेफरीज के अनुसार, क्रेडिट सुइस की 70 प्रतिशत संपत्ति सरकारी सिक्योरिटी के रूप में है. बैंक का कुल ऑफ-बैलेंस शीट आइटम इसकी कुल संपत्ति का सात गुना है. ये भारत में 14वां सबसे बड़ा विदेशी बैंक है.

भारत में कुल देनदारियां

जेफरीज ने अपने नोट में यह भी कहा कि भारत में इस बैंक की कुल देनदारियां 73 प्रतिशत हैं और 96 प्रतिशत उधारी का टेन्योर 2 महीने तक का है. बैंक का डिपॉजिट बेस 28 अरब रुपये से छोटा है, जो कुल देनदारियों का 20 प्रतिशत है. वही, शॉट टर्म लायबिलिटीज का हिस्सा अधिक है, जो लिक्विड जी-सेक में है. क्रेडिट सुइस की भारत में सिर्फ एक ब्रान्च है, जो मुंबई में स्थित है. भारत की बैंकिंग सिस्टम में क्रेडिट सुइस की ये हिस्सेदारी मात्र 0.1 फीसदी की है. अगर क्रेडिट सुइस बैंक दिवालिया हो भी जाता है, तो भारत में इसका सीधा असर नहीं पड़ेगा. 

Advertisement

स्विस नेशनल बैंक ने बढ़ाए मदद के हाथ

न्यूज एजेंसी रायटर्स के अनुसार, क्रेडिट सुईस के डिपॉजिट संकट को टालने में स्विस नेशनल बैंक जुट गया है. स्विस नेशनल बैंक ने कहा कि वो क्रेडिट सुईस को 54 बिलियन डॉलर का लोन देगा. 2008 के वित्तीय संकट के बाद से क्रेडिट सुइस पहला प्रमुख वैश्विक बैंक है जिसे इमरजेंसी लाइफलाइन दी गई है. बैंक की समस्याओं ने गंभीर संदेह पैदा किया है कि क्या केंद्रीय बैंक आक्रामक ब्याज दर वृद्धि के साथ महंगाई के खिलाफ अपनी लड़ाई को बनाए रखने में सक्षम होंगे.

कितना बड़ा है संकट?

क्रेडिट सुइस बैंक का संकट कितना बड़ा है, इसे समझने के लिए आपको एक आंकड़े पर गौर करना होगा. मार्च में अब तक बैंक के बॉन्ड प्राइसेज में 38 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है. साल 2027 में मेच्योर होने वाले बेल-इन-बॉन्ड्स बुधवार को एक डॉलर पर 55 सेंट्स की बोली लगी, जबकि एक दिन पहले ही बोली 72 सेंट्स पर थी और मार्च के शुरुआत में 90 सेंट्स पर थी. गिरावट इस बात को साफ तौर पर साबित करने के लिए काफी हैं कि अगर बैंक दिवालिया होता है, तो इन बॉन्ड्स की वैल्यू लगभग ना के बराबर होगी. हालांकि, इसका बैंकिंग संकट 2008 जैसी आर्थिक मंदी को ट्रिगर करेगा इसकी आशंका जताई तो जा रही है, लेकिन अभी पूरी तरह से कुछ भी साफ नहीं है. 

Advertisement

कैसे हुई संकट की शुरुआत?

दरअसल, क्रेडिट सुइस पर संकट तब बढ़ा, जब ग्रुप के सबसे बड़े निवेशक सऊदी नेशनल बैंक के चेयरमैन ने कहा कि वो क्रेडिट सुइस और निवेश नहीं करेंगे. इस घोषणा के बाद यूरोपीय बाजार में बैकिंग शेयरों में ताबड़तोड़ बिकवाली शुरू हो गई. स्विस बैंक से मिली मदद से पहले सुइस बैंक के सीइओ ने दावा किया था कि बैंक की माली हालत अच्छी है. मुश्किल से हालत में भी बैंक एक महीने से ज्यादा के आउटफ्लो वैल्यू को संभाल सकता है.

 

TOPICS:
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement