
इस साल जनवरी में आई अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट्स (OCCRP) ने अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ आरोपों की एक नई सीरीज में कई दावे किए हैं. OCCRP ने कहा है कि 'अपारदर्शी' मॉरीशस फंड के जरिए समूह के कुछ पब्लिक कारोबार वाले शेयरों में लाखों डॉलर का निवेश किया गया था. रॉयटर्स की गुरुवार की रिपोर्ट के अनुसार, नॉन प्रॉफिट मीडिया संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि निवेश के तरीके ने अडानी परिवार के कथित व्यापारिक साझेदारों की भागीदारी को 'अस्पष्ट' कर दिया है.
ऑफशोर स्ट्रक्चर के जरिए खरीद-बिक्री
OCCRP ने कई टैक्स हेवन जोन और आंतरिक कंपनी ईमेल से फाइलों की समीक्षा का हवाला देते हुए कहा कि इसकी जांच के दौरान उन्हें कम से कम दो मामले मिले, जहां निवेशकों ने ऐसी ऑफशोर स्ट्रक्चर के जरिए अडानी समूह की कंपनियों के स्टॉक को खरीदा और बेचा. OCCRP की ये रिपोर्ट हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के करीब आठ महीने के बाद आई है.
शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अडानी समूह ने मॉरीशस जैसे टैक्स हेवेन देश का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को मैनुपलेट करने के लिए किया था. हालांकि, अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को खारिज कर दिया था. समूह ने कहा था कि उसने हमेशा कानूनों का अनुपालन किया है.
अडानी ग्रुप ने आरोपों को बताया निराधार
OCCRP को दिए एक बयान में अडानी समूह ने कहा कि पत्रकारों द्वारा जांच की गई मॉरीशस फंड का नाम पहले ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सामने आ चुका है. आरोप न केवल निराधार और निराधार हैं, बल्कि हिंडनबर्ग के आरोपों से दोहराए गए हैं. अडानी समूह ने OCCRP को बताया कि यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अडानी समूह की सभी सार्वजनिक रूप से लिस्टेड कंपनियां पब्लिक शेयरहोल्डिंग संबंधित विनियमन सहित सभी लागू कानूनों का अनुपालन करती हैं.
रिपोर्ट में दो निवेशकों के नाम
ओसीसीआरपी रिपोर्ट में दो व्यक्तिगत निवेशकों- नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग का नाम दिया गया है, जिन्होंने कथित निवेश किया है. OCCRP ने कहा है कि ये दोनों ही अडानी परिवार के पुराने बिजनेस पार्टनर हैं. मीडिया संगठन ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग का पैसा अडानी परिवार से आया था. लेकिन रिपोर्टिंग के दस्तावेज में एक एग्रीमेंट, कॉर्पोरेट रिकॉर्ड और एक शामिल ईमेल से पता चलता है कि उनका अडानी के स्टॉक में कारोबार होता था और परिवार के साथ उनका समन्वय था. OCCRP ने कहा कि अडानी होल्डिंग्स में उनकी हिस्सेदारी अंदरूनी स्वामित्व के लिए अनुमानित 75 प्रतिशत की सीमा से अधिक होगी.
क्या है OCCRP?
साल 2006 में स्थापित OCCRP मीडिया घरानों के साथ साझेदारी के जरिए खोजी न्यूज आर्टिकल पब्लिश करता है. OCCRP की वेबसाइट के अनुसार, जार्ज सोरेस की यूनिट ओपन सोसाइटी फाउंडेशन उसे फंड देती है. अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस, सोरोस फंड मैनेजमेंट और ओपन सोसाइटी यूनिवर्सिटी नेटवर्क के प्रमुख हैं.
हिंडनबर्ग ने दिया था जोरदार झटका
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अरबपति गौतम अडानी और उनके पोर्ट-टू-एनर्जी समूह को एक जोरदार झटका दिया था. जनवरी में आई रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद, अडानी समूह के शेयरों का मार्केट वैल्यूएशन 150 अरब डॉलर कम हो गया था. पिछले कुछ महीनों में समूह द्वारा कुछ कर्ज चुकाने और कुछ निवेशकों का विश्वास हासिल करने के बाद कंपनियों के शेयरों में सुधार हुआ है.
शेयरों में गिरावट
OCCRP की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है. अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 2.02 फीसदी गिरकर 2,462.90 रुपये पर आ गए. अडानी पोर्ट्स 1.64 फीसदी गिरकर 805.55 रुपये और अडानी पावर 1.84 फीसदी फिसलकर 322.35 रुपये पर आ गया.
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस 1.87 प्रतिशत गिरकर 826.05 रुपये पर आ गया. अडानी ग्रीन एनर्जी 2.16 फीसदी टूटा, अडानी टोटल गैस 1.5 फीसदी नीचे और अडानी विल्मर 0.54 फीसदी गिरे. सीमेंट निर्माता एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स में एक-एक फीसदी की गिरावट देखने को मिली. एनडीटीवी का शेयर 0.2 फीसदी टूटा है.