
ओडिशा विजिलेंस ने करप्शन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है. विजिलेंस विभाग ने शुक्रवार को एक छापे के दौरान सरकारी अधिकारी के पास से रिकॉर्ड 1.36 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है.
प्रदेश के मलकानगिरी में सरकारी इंजीनियर आशीष कुमार दास (Ashish Kumar Dash) को विभाग ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को उस समय दबोचा, जब वह डीसीबी बैंक में ब्रांच मैनेजर को 10.23 लाख रुपये देने गया था. इसकी सूचना विजिलेंस मिल गई और उसके बाद से अखिलेश दास रडार पर आ गए.
टीम ने अखिलेश की काली कमाई के बारें में पता लगाना शुरू कर दिया. चार दिन बाद ही विजिलेंस ने दास से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की जिसमें भारी मात्रा में नकदी के अलावा गहने व अन्य कीमती सामान भी बरामद हुए हैं.
विजिलेंस डायरेक्टर YK Jethwa ने इंडिया टुडे को बताया कि कार्रवाई में जब्त की गई नकदी 1.36 करोड़ रुपये है, जो ओडिशा विजिलेंस के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी कैश रिकवरी है.
इस भारी-भरकम कैश के अलावा विजिलेंस के हाथ 1.2 किलो सोना भी मिला है. विजिलेंस के अधिकारियों को एफडी, सेविंग और इंश्योरेंस डिपॉजिट भी मिले हैं, जिनकी वैल्यू करीब 4 करोड़ रुपये है. अधिकारियों को एक्सिस बैंक के 12 बैंक खातों का भी पता चला, जो परिजनों के नाम पर खोल गए हैं लेकिन उन्हें दास ही ऑपरेट करता था. इन खातों में 2.25 करोड़ रुपये जमा किए गए थे.
जेठवा ने बताया कि दास ने अपनी पत्नी के नाम पर कटक स्थित शांतिवन सोसायटी में अपनी पत्नी के नाम पर एक अपार्टमेंट भी खरीदा था, जिसकी वैल्यू 32.30 लाख रुपये है. इसके अलावा उसकी पत्नी के नाम पर Keonjhar जिले के बारीपाल में एक भूखंड भी खरीदा गया है. अधिकारियों ने बताया कि अन्य बैंक खातों और दो लॉकर्स का वेरिफिकेशन का काम जारी है. अधिकारियों के अनुसार, ये पैसे नक्सल प्रभावित इलाकों के डेवलपमेंट के लिए थे.