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OLA कंपनी में एक बार फिर होगी छंटनी! अबकी बार निकाले जा सकते हैं इतने लोग

ओला कंपनी के सीइओ (CEO) ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, उनके साथ कंपनी के सीएफओ (CFO) कार्तिक गुप्ता ने भी पद से रिजाइन कर दिया है. अप्रैल के महीने में भी कंपनी ने तकरीबन 200 लोगों को निकाला था.

aajtak.in
  • दिल्ली,
  • 04 जून 2024,
  • अपडेटेड 7:49 AM IST

ओला इलेक्ट्रिक (OLA Electric) अपने यहां से अगले सप्ताह कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी कर रही है. जिनकी संख्या लगभग 400 से 500 के करीब हो सकती है, हालांकि इस संख्या में कंपनी द्वारा जारी किए गए फाइनल लिस्ट के बाद बदलाव भी देखने को मिल सकता है. कितने लोगों को कंपनी निकालेगी, इसकी जानकारी तो कंपनी के द्वारा लिए गए अंतिम निर्णय के बाद ही मिलेगी.

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दरअसल ओला इलेक्ट्रिक (OLA Electric) आईपीओ (IPO) से पहले, अपने परिचालन कॉस्ट (Operating Cost) पर नियंत्रण रखना चाहती है, इसलिए छंटनी जैसे विकल्प पर विचार कर रही है. बीते दिसंबर में आईपीओ (IPO) के लिए पेपर ड्राफ्ट करते समय कंपनी ने कहा था कि उसके पास कुल 3,733 कर्मचारी अक्टूबर 2023 के महीने में थे, और उस समय कंपनी का कर्मचारी एट्रिशन (Employee attrition) रेट 47.48 प्रतिशत था.

होगी नई भर्ती
द इकॉनोमिक टाइम्स (The Economic Times) की एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी से छंटनी किए गए लोगों की जगह न्यू वैकेंसी कर सकती है. हालांकि जितने लोगों को काम से निकाला जाएगा, उसकी तुलना में नए लोगों की संख्या कम होगी तथा कंपनी इन लोगों को बतौर मेहनताना कम पेमेंट भी करेगी. साथ ही जानकार बता रहे हैं कि इस छंटनी की प्रक्रिया को लेकर ओला इलेक्ट्रिक (OLA Electric) ने पहले ही ताना-बाना बुन लिया है.

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ओला कंपनी के सीइओ (CEO) हेमंत बक्शी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, उनके साथ कंपनी के सीएफओ (CFO) कार्तिक गुप्ता ने भी पद से रिजाइन कर दिया है. अप्रैल के महीने में भी कंपनी ने तकरीबन 200 लोगों को अपने यहां से काम पर से निकाल दिया था. हालांकि तब ये छंटनी ओला कैब (Ola Cab) से हुई थी. 

घाटे में चल रही है कंपनी
ओला कंपनी पिछले कुछ दिनों से लगातार घाटे में चल रही है. वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) के पहले के क्वाटर के आंकड़े के अनुसार ओला इलेक्ट्रिक (OLA Electric) का घाटा 267 करोड़ रुपये है, और इसका संचालन राजस्व 1,243 करोड़ रुपये है. वित्तीय वर्ष 2023 (FY23) में भी कंपनी को घाटा हुआ था. इस अवधि में भी कंपनी को 1472 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. उस वित्तीय वर्ष में कंपनी का संचालन राजस्व 2,631 करोड़ रुपये था.

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