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हरियाणा: तीन साल में 4.60 लाख बुजुर्ग पेंशन से जुड़े, 2.77 लाख नाम हटे भी

हरियाणा सरकार के मुताबिक, वर्ष 2019 में 171026, 2020 में 129016, 2021 में 132758 और वर्ष 2022 में अब तक 27398 बुजुर्गों की पेंशन शुरू हुई है. ऐसे में देखा जाए तो प्रदेश में पिछले तीन सालों में 460198 बुजुर्गों को पेंशन लगी है.

हरियाणा में 2500 रुपये महीने बुजुर्गों को पेंशन हरियाणा में 2500 रुपये महीने बुजुर्गों को पेंशन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:34 PM IST
  • हरियाणा में फिलहाल 2500 रुपये महीने पेंशन की सुविधा
  • सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा

हरियाणा सरकार का दावा है कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में 4 लाख 60 हजार से अधिक बुजुर्गों की पेंशन शुरू की गई है. यानी प्रतिमाह औसतन करीब 12000 बुजुर्गों को पेंशन से जोड़ा गया है. हरियाणा सरकार के मुताबिक उसकी पहली प्राथमिकता है कि समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे. इसी कड़ी में सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा बुजुर्गों को पेंशन दी जाती है. 

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हरियाणा में वर्ष 2004 में 9.95 लाख लाभार्थियों को 300 रुपये बुढ़ापा पेंशन मिलती थी, जिसपर 358 करोड़ रुपये का वार्षिक खर्च था. 2014 में 13.47 लाख बुजुर्गों को 1000 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से पेंशन दी जाती थी, इसपर 1617 करोड़ रुपये खर्च होते थे. 

साल- 2022 में 17.45 लाख बुजुर्गों को 2500 रुपये मासिक पेंशन मिलती है, इसपर 5234 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो पिछले 7 वर्षों में पेंशन पर होने वाले खर्च को सरकार ने करीब साढ़े तीन गुणा कर दिया है.

साल दर साल का आंकड़ा

आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में 171026, 2020 में 129016, 2021 में 132758 और वर्ष 2022 में अब तक 27398 बुजुर्गों की पेंशन शुरू हुई. ऐसे में देखा जाए तो प्रदेश में पिछले तीन सालों में 460198 बुजुर्गों को पेंशन लगी है. औसतन प्रतिमाह 12000 बुजुर्गों को पेंशन से जोड़ा गया है. 

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इस बीच, वर्ष 2019 से 2022 तक विभिन्न कारणों से 2,77,676 बुजुर्गों की पेंशन बंद की गई, इनमें से 2,41,183 बुजुर्गों की पेंशन मृत्यु होने पर बंद की गई. 

कांग्रेस का आरोप 

वहीं बुजुर्गों की पेंशन कटने के मुद्दे को कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने उठाया है. उन्होंने कहा कि BJP-JJP सरकार बुजुर्गों की पेंशन काटकर उनके सम्मान के साथ खिलवाड़ कर रही है. 5100 रुपये पेंशन देने की बात करने वाले आज चुप हैं. कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार बुजुर्गों को परेशान करना बंद करे, जिन बुजुर्गों के नाम पेंशन से काट दिए गए हैं और जिनकी पेंशन रोकी गई है, उन सभी बुजर्गों को पेंशन प्रदान की जाए. 

गौरतलब है कि सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते को परिवार पहचान पत्र के साथ भी जोड़ दिया है. इससे यह भत्ता पाने के लिए लोगों को कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. व्यक्ति की आयु 60 वर्ष की होने पर उसकी वृद्धावस्था पेंशन खुद ब खुद लग जाएगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि प्रदेश में हर हकदार को पेंशन अवश्य मिलेगी. 

 

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