
केरल में बड़ी मात्रा में डीजल की खपत करने वालों को बाजार से महंगे भाव में डीजल सप्लाई करने पर सुप्रीम कोर्ट कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट में दाखिल अर्जी में याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई कि वो केंद्र सरकार को निर्देश दे कि ईंधन के लगातार और बेलगाम बढ़ते दाम के नियमन के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक स्वतंत्र नियमन प्राधिकरण बनाए.
सुप्रीम कोर्ट की खरी-खरी
जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने केरल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यहां तो आपको पैसे की कमी लग रही है. लेकिन आप अपने मंत्रियों के लिए पर्सनल स्टाफ दो साल के लिए भी नियुक्त करते हैं तो उनको आजीवन पेंशन देते हैं. तब कैसे आपके पास अफरात धन होता है, तब आपको पैसे की कमी नहीं खलती?
OMC पर मनमानी करने का आरोप
दरअसल, केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि सार्वजनिक उपक्रम यानी पीएसयू के तहत आने वाली ऑयल मार्केटिंग कंपनी (OMC) ने बड़ी मात्रा में डीजल खरीदने और खपत करने वालों को एक फरवरी से बाजार भाव से महंगा डीजल सप्लाई करने की नीति बनाई है. जिससे जनता पर बोझ बढ़ता जा रहा है. ओएमसी का ये फैसला मनमाना और भेदभावपूर्ण है.
ओएमसी ने पहले से ही बढ़ते जा रहे आर्थिक बोझ की दुहाई दी तो सुप्रीम कोर्ट ने ओएमसी को फटकार लगाते हुए कहा कि अपने गैर जरूरी खर्चों पर तो आप ध्यान नहीं देते और दूसरी ओर शिकंजा कसते हैं. हालांकि इस फटकार के बाद पीठ ने केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (Karnataka State Road Transport Corporation, KSRTC) को को केरल हाईकोर्ट जाने को कहा.