
भारत के हाथ आज से 50 साल पहले समंदर के बीच एक ऐसा खजाना हाथ लगा था, जिससे सरकार की आज तक कमाई जारी है. हम बात कर रहे हैं, मुंबई हाई फील्ड (Mumbai High Field) की, जो देश का प्रमुख और सबसे बड़ा तेल क्षेत्र है. इसकी खोज साल 1974 में रूस (Russia) और भारत (India) की टीम ने मिलकर की थी. जिसके बाद से ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने इसे ऑपरेट कर रही है. इससे सरकार को मोटी कमाई होती है. हाल ही में इसकी स्वर्ण जयंती का समारोह मुंबई में आयोजित किया गया था.
भारत-रूस ने मिलकर खोजा था ये खजाना
मुंबई हाई फील्ड को पहले Bombay High Field के नाम से पहचाना जाता था. भारत के कैम्बे सेक्टर की खाड़ी में, मुंबई के पश्चिमी तट से 176 किलोमीटर (109 मील) दूर करीब 75 मीटर (246 फीट) पानी में मौजूद है. 60 के दशक में इंडो-सोवियत टीम ने इसकी पहचान की और सर्वे शुरू किया गया और 1974 में इसे खोजा गया. भारत और रूस की टीम की ये खोज किसी खजाने से कम नहीं थी और धीमे-धीमे ये बात साबित होती गई. इस क्षेत्र में 21 मई, 1976 को उत्पादन शुरू किया गया था.
ऐसे बढ़ता गया इस क्षेत्र में उत्पादन
Crude Oil के प्रोडक्शन में मुंबई हाई फील्ड का योगदान अहम है और लगातार 50 वर्षों से आज भी जारी है. Mumbai High Field की शुरुआत के बाद इस क्षेत्र से प्रतिदिन करीब साढ़े तीन हजार बैरल ऑयल का प्रोडक्शन किया जाता था, जो कि आगे बढ़ता गया और कुछ ही सालों में प्रतिदिन 80,000 बैरल के स्तर तक पहुंच गया था. 1989 आते-आते तो इस क्षेत्र से तेल उत्पादन बढ़कर 4,76,000 बैरल प्रतिदिन तक पहुंच गया, जबकि 1998 में यहां का प्रोडक्शन लेवल अपने पीक पर था.
समय आगे बढ़ने के साथ तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा और प्रोडक्शन में भी तेजी आती चली गई. इन बदलावों के तहत प्रोडक्शन के बाद टैंकरों के जरिए कच्चे तेल को भेजे जाने में आने वाली दिक्कतों को खत्म करने के लिए इस मुंबई हाई से रिफाइनरियों तक साल 1978 में एक सब-सी पाइपलाइन बिछाई गई.
50 साल में 53 करोड़ बैरल Oil प्रोडक्शन
ONGC के मुताबिक, तेल और गैस उत्पादन में ये क्षेत्र अहम रोल निभाता आ रहा है. अपनी शुरुआत से अब तक यानी इन 50 सालों में मुंबई हाई फील्ड से 52.7 करोड़ बैरल ऑयल का प्रोडक्शन किया जा चुका है. वहीं इस क्षेत्र से अब तक 221 अरब घनमीटर गैस उत्पादित की गई है. कुल घरेलू उत्पादन का ये करीब 70 फीसदी हिस्सा है. ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन या ओएनजीसी द्वारा पेश किए गए ये आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं, कि मुंबई हाई फील्ड का इस सेक्टर में कितना बड़ा योगदान रहा है और इसके जरिए सरकार और ONGC की ताबड़तोड़ कमाई लगातार जारी है.
इस क्षेत्र में हुआ अरबों डॉलर का निवेश
फिलहाल की बात करें तो मुंबई हाई से हर रोज करीब 1.35 लाख बैरल Oil Porduction और 13 अरब घनमीटर Gas Production हो रहा है. इस सेक्टर में सरकार की ओर से जो पुनर्विकास प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं, उनमें अरबों डॉलर का निवेश किया गया है. ताकि इस क्षेत्र में प्रोडक्शन में गिरावट की स्थिति का सामना न करना पड़े, क्योंकि इस ऑयल फील्ड में अब भी बड़ा भंडार मौजूद है, जिससे आने वाले सालों में प्रोडक्शन जारी रखा जा सकता है. साल 2005 में 27 जुलाई को मुंबई हाई फील्ड पर एक भीषण हादसा भी हुआ था, जिसमें बड़ा जान-माल का नुकसान झेलना पड़ा था.