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सिर्फ 2 दिन बाकी, फिर बदल जाएगा Online Payment का तरीका, जानें कैसे?

RBI Tokenisation From 1st October: रिजर्व बैंक का मानना है कि अभी ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या डेबिट कार्ड (Debit Card) की जानकारियां लीक हो जाने से उनके साथ फ्रॉड होने का रिस्क रहता है, लेकिन कार्ड के बदले टोकन से पेमेंट की व्यवस्था लागू होने से फ्रॉड (Fraud) के मामले कम होंगे.

टोकनाइजेशन सिस्टम होगा लागू टोकनाइजेशन सिस्टम होगा लागू
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:21 AM IST

सितंबर का महीना खत्म होने वाला है और अक्टूबर कई बदलाव लेकर आने वाला है.अगर आप क्रेडिट (Credit) या डेबिट (Debit) कार्ड के पेमेंट करते हैं, तो फिर आपके भुगतान का तरीका भी बदलने जा रहा है. दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन (CoF Card Tokenisation) नियम लागू होने वाला है. इससे एक ओर कार्ड होल्डर्स के पेमेंट करने के अनुभव में सुधार आएगा, तो दूसरी ओर डेबिट-क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. 

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1 अक्टूबर से लागू होगा टोकनाइजेशन 
बिजनेस टुडे के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक Tokenisation सिस्टम 1 अक्टूबर 2022 से लागू करने जा रही है. इससे जब भी क्रेडिट या डेबिट कार्ड यूजर प्वाइंट ऑफ सेल (POS) मशीनों, ऑनलाइन या फिर किसी ऐप में पेमेंट करेंगे, तो उनके कार्ड के डिटेल्स इनक्रिप्टेड टोकन्स के रूप में स्टोर होगी. यानी साफ है कि कोई भी पेमेंट कंपनी आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड का डाटा स्टोर नहीं कर सकेगी. इसके बदले पेमेंट कंपनियों को एक वैकल्पिक कोड देना होगा, जिसे टोकन (Token) नाम दिया गया है.

इस तरह से काम करेगा सिस्टम
टोकनाइजेशन सिस्टम लागू होने के बाद पेमेंट कंपनियों को आपके कार्ड के बदले वैकल्पिक कोड या टोकन (Token) देना होगा, जो कि यूनिक होंगे और कई कार्ड के लिए एक ही टोकन का इस्तेमाल हो सकेगा. इससे भुगतान का तरीका बदल जाएगा, क्योंकि ऑनलाइन पेमेंट करते समय आपको अपना कार्ड देने के बजाय सिर्फ यह यूनीक टोकन यूज करना होगा.

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी ऑपरेटिंग बैंकों को कार्ड विवरण के लिए टोकन तैयार करने के लिए कहा है. आरबीआई का मानना है कि अभी ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की जानकारियां लीक हो जाने से उनके साथ फ्रॉड होने का रिस्क रहता है, लेकिन कार्ड के बदले टोकन से पेमेंट की व्यवस्था लागू होने से फ्रॉड (Fraud) के मामले कम होंगे. 

इस्तेमाल करना यूजर पर निर्भर
इस नई सुविधा का लाभ लेने के लिए यूजर को किसी तरह का कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं देना होगा. साथ ही इसका इस्तेमाल भी पूरी तरह से यूजर के ऊपर निर्भर करेगा कि उसके कार्ड को टोकन दिया जाए या फिर वह पुराने तरीके से ही पेमेंट को जारी रखना चाहता है. जो ग्राहक टोकन नहीं बनाना चाहते हैं वे लेन-देन करते समय मैन्युअली कार्ड डिटेल दर्ज करके पहले की तरह लेन-देन कर सकते हैं. यहां बता दें Tokenisation सिस्टम के तहत वीजा, मास्टरकार्ड और रूपे जैसे कार्ड नेटवर्क के जरिए टोकन नंबर जारी किया जाएगा. 

डेडलाइन बढ़ने की संभावना नहीं
Tokenisation सिस्टम लागू किए जाने की चर्चा पिछले साल से ही शुरू हो गई थी. लेकिन इसे लागू करने की डेडलाइन को दो बार बढ़ाया जा चुका है. पहले यह 1 जनवरी 2022 से अमल में आने वाली थी, लेकिन इसकी समयसीमा को 31 दिसंबर 2021 से बढ़ाकर 30 जून 2022 कर दिया गया था. इसके बाद इस समयसीमा को एक बार फिर से 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया.बीते दिनों आई पीटीआई की रिपोर्ट को देखें तो अब रिजर्व बैंक द्वारा इस डेडलाइन को और बढ़ाए जाने की संभावना नहीं है. पेमेंट कंपनियों को 30 सितंबर 2022 के बाद लोगों के क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और डेबिट कार्ड (Debit Card) का डाटा मिटाना होगा.

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