Advertisement

आ गई बड़ी खुशखबरी, जल्द हो सकता है पेट्रोल-डीजल और सस्ता!

हाल में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को कम करने का फैसला किया था. इससे देश में पेट्रोल के दाम एक झटके में 9.50 रुपये और डीजल के दाम 7 रुपये प्रति लीटर कम हो गए थे.

जल्द हो सकता है पेट्रोल-डीजल और सस्ता (Photo : Getty) जल्द हो सकता है पेट्रोल-डीजल और सस्ता (Photo : Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:24 PM IST
  • एक झटके में 9.50 रुपये सस्ता हुआ था पेट्रोल
  • रूस-यूक्रेन युद्ध ने चढ़ाई कच्चे तेल की कीमतें

पेट्रोल-डीजल का दाम भले एक रुपये ही कम हो जाए, आम आदमी के लिए ये सबसे बड़ी खुशखबरी होती है. अब दुनिया के लेवल पर ऐसी खबर आई है कि पेट्रोल-डीजल के और सस्ते होने की उम्मीद बढ़ गई है. जी हां, तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) और रूस समेत अन्य सहयोगी देशों ने जुलाई-अगस्त से कच्चे तेल का उत्पादन (Crude Oil Production Hike) और बढ़ाने का फैसला कर लिया है.

Advertisement

इतना बढ़ेगा कच्चे तेल का उत्पादन
ओपेक, रूस समेत अन्य सहयोगी देशों के बीच कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाकर प्रतिदिन 6.48 लाख बैरल करने पर सहमति बनी है. इस फैसले से दुनियाभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें नीचे आने की उम्मीद बढ़ी है. कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते कच्चे तेल की खपत काफी कम हो गई थी और क्रूड ऑयल की कीमतें (Crude Oil Price) काफी नीचे आ गई थीं. तब तेल उत्पादक देशों ने दाम को स्थिर करने के लिए कच्चे तेल का प्रतिदिन का उत्पादन घटा दिया गया था. कोरोना से पहले के कच्चे तेल प्रोडक्शन लेवल को पाने के लिए ये देश धीरे-धीरे इसके उत्पादन को बढ़ा रहे हैं. अभी प्रतिदिन 4.32 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन हो रहा है.

इसे भी देखें: टमाटर के भाव सुनकर आप हो जाएंगे लाल, इन शहरों में दाम सातवें आसमान पर

Advertisement

रूस-यूक्रेन युद्ध ने चढ़ाई कच्चे तेल की कीमतें
फरवरी के अंत में रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) शुरू होने के बाद से इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें बेहताशा बढ़ी हैं. इसकी वजह रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने से कच्चे तेल की सप्लाई बाधित हुई. फलस्वरूप दुनिया को विकट महंगाई का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देशों में महंगाई बढ़ाने में पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतें बड़ी भूमिका निभाती हैं. 

हालांकि ओपेक देशों की कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने की पहले से कोई योजना नहीं थी, लेकिन योजना के विपरीत उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी का ये निर्णय ऐसे समय किया गया है जब कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण अमेरिका में पेट्रोल का दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. साल 2022 की शुरुआत से अब तक अमेरिका में कच्चे तेल की कीमत 54 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है. हालांकि इस खबर के आने के बाद न्यूयॉर्क में कच्चे तेल का भाव 0.9% गिरा है और ये 114.26 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड हो रहा है. कच्चे तेल के उत्पादन में इस बढ़ोतरी से ईंधन के ऊंचे दाम को कम करने में मदद मिलेगी और महामारी से उबर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था में महंगाई का स्तर नीचे आएगा.

Advertisement

पढ़ें इसे भी : अब खिलौने के कारोबार पर मुकेश अंबानी की नजर, बिग डील की तैयारी

एक झटके में 9.50 रुपये सस्ता हुआ था पेट्रोल
हाल में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को कम करने का फैसला किया था. इससे देश में पेट्रोल के दाम एक झटके में 9.50 रुपये और डीजल के दाम 7 रुपये प्रति लीटर कम हो गए थे. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल का भाव 2 जून को 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर रहा.

ये भी पढ़ें: 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement