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देश छोड़कर अमीर लोगों का विदेश जाकर बसना कोई नई बात नहीं है. लेकिन दुनियाभर में मंदी की आशंकाओं के बीच भारत की तेज ग्रोथ के बावजूद लोगों का यहां से दूसरे देशों में जाकर बसना चौंकाने वाला फैसला है. यही नहीं, भारत छोड़कर दूसरे देशों में जाकर बस जाने के मामले में भारत दुनियाभर में दूसरे नंबर पर है. हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2023 के मुताबिक 2023 में साढ़े 6 हजार हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स यानी HNI देश छोड़कर जा सकते हैं. हालांकि ये संख्या पिछले साल से कम है, जब साढ़े 7 हजार HNI भारत छोड़कर गए थे.
2022 में 7500 भारतीयों ने छोड़ा देश
दुनियाभर में वेल्थ और इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन पर नजर रखने वाली हेनले की रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने देश को छोड़कर दूसरे देशों में अपना आशियाना बनाने वालों में सबसे ज्यादा तादाद चीन की है, जहां से इस साल साढ़े 13 हजार अमीरों के पलायन का अनुमान है. इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर ब्रिटेन है, जहां से इस साल 3200 करोड़पतियों के देश छोड़ने का अनुमान है. वहीं रूस से 3 हजार हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल के दूसरे देशों में जाने का अनुमान है और ये इस लिस्ट में चौथे नंबर पर है.
दुनियाभर में अमीरों के पलायन का ट्रेंड
हालांकि ज्यादातर जानकारों का मानना है कि करोड़पतियों का देश छोड़ना कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है. इसके पीछे दलील है कि 2031 तक करोड़पतियों की आबादी लगभग 80 फीसदी तक बढ़ सकती है. इस दौरान भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते वेल्थ मार्केट में से एक होगा. इसके साथ ही देश में फाइनेंशियल सर्विसेज, टेक्नोलॉजी और फार्मा सेक्टर से सबसे ज्यादा करोड़पति निकलेंगे. ऐसे में भारत के लिहाज से ये नंबर 2022 में कम हो जाना एक बड़ी राहत की खबर है.
अमीर लोग क्यों छोड़ते हैं अपना देश?
हालांकि फिर भी ये सवाल तो खड़ा होता ही है कि आखिर अमीर लोग अपना देश छोड़कर क्यों चले जाते हैं. दरअसल, भारत में टैक्स से जुड़े नियमों में जटिलताओं के चलते हर साल हजारों अमीर लोग देश छोड़कर चले जाते हैं. दुनियाभर के अमीरों को दुबई और सिंगापुर जैसी जगहें सबसे ज्यादा पसंद आ रही हैं क्योंकि अमीर उस देश में जाना पसंद करते हैं, जहां टैक्स से जुड़े नियम लचीले हों.
टैक्स नियमों में जटिलता को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स वित्त मंत्रालय को घिरते दिखे है. दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के पूर्व बोर्ड मेंबर टीवी मोहनदास पाई ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने एचएनआई का जीना मुश्किल कर दिया है. उन्होंने कहा कि टैक्स के नियमों को सरल किया जाना चाहिए.