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आम्रपाली के 9,538 फ्लैट का कोई दावेदार नहीं, बेनामी होने की आशंका

आम्रपाली (Amrapali Flat) के अधूरे प्रोजेक्ट सरकार द्वारा पूरा करने के बाद एक नई समस्या यह आई है कि इसके करीब 9,538 फ्लैट के खरीदार  (Amrapali Home Buyers) सामने नहीं आ रहे हैं. इनके बेनामी होने की आशंका है.

आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट पूरे किए गए हैं (फाइल फोटो: PTI) आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट पूरे किए गए हैं (फाइल फोटो: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 15 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST
  • आम्रपाली के फ्लैट्स को सरकार ने तैयार कराया
  • खरीदार पजेशन लेने को तैयार नहीं

आम्रपाली (Amrapali Flat) के अधूरे प्रोजेक्ट सरकार द्वारा पूरा करने के बाद एक नई समस्या यह आई है कि इसके करीब 9,538 फ्लैट के खरीदार  (Amrapali Home Buyers) सामने नहीं आ रहे हैं. इनके बेनामी होने की आशंका है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिन के भीतर इन फ्लैट के दावेदार पेमेंट नहीं करते तो उनका आवंटन रद्द कर नए लोगों को फ्लैट का आवंटन कर दिया जाए. 

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सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के 9,538 खरीदारों को कोर्ट रिसीवर की वेबसाइट पर अपनी डिटेल भरने और पेमेंट करने के लिए 15 दिन का समय दिया है. अगर वो ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कोर्ट रिसीवर उनका अलॉटमेंट कैंसल कर देगा. कोर्ट ने इन प्रॉपर्टी की कीमत के वैल्युएशन के लिए वैल्युअर नियुक्त करने को भी कहा है. 

आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट को सरकारी कंपनी नेशनल बिल्ड‍िंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) द्वारा सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिटी की निगरानी में पूरा किया गया है. आम्रपाली के डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा, श‍िव प्रिया और अजय कुमार जेल में हैं. 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट को पिछले हफ्ते शुक्रवार को सूचित किया गया कि आम्रपाली की विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में 9,538 घर खरीदार अपने फ्लैटों का दावा करने के लिए आगे नहीं आए हैं. 

क्या कहा कोर्ट ने 

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जस्टिस यू.यू. ललित और अजय रस्तोगी ने कहा कि जिन होमबॉयर्स ने कोर्ट रिसीवर की वेबसाइट पर ग्राहक का डेटा नहीं भरा है और न ही कोई राशि का भुगतान किया है, उन्हें कोर्ट रिसीवर द्वारा 15 दिनों का समय दिया जाएगा, ऐसा न करने पर उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा और उनकी संपत्ति को बिना बिका (unsold inventory) माना जाएगा. 

सुप्रीम कोर्ट ने इन फ्लैटों को बिना बिके माल के रूप में मानने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त रिसीवर की याचिका को स्वीकार कर लिया, और यदि कोई भी उन पर दावा करने के लिए आगे नहीं आता है, तो अगला कदम उनके आवंटन को रद्द करना और शेष अधूरी परियोजनाएं के निर्माण के लिए धन जुटाने के लिए नीलाम करना होना चाहिए. 

बेनामी या फर्जी बुकिंग हो सकते हैं

अदालत द्वारा नियुक्त फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, ये फ्लैट बेनामी या फर्जी बुकिंग हो सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि 6,210 होमबॉयर्स जिन्होंने सबवेंशन स्कीम सुविधा का लाभ उठाया है और उन्हें मुश्किल हो रही है, उनके मुद्दे को अलग से देखा जाएगा और इसके लिए सुनवाई की अगली तारीख 27 अगस्त है. 

 

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