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पाकिस्तान की हालत बेहद खराब हो चुकी है. एक ओर महंगाई ने यहां की अर्थव्यवस्था (Pakistan Economic Crisis) को रसातल की ओर धकेल दिया है, तो वहीं दूसरी ओर ईरान के हमले के कारण और स्थिति बिगड़ चुकी है. पाकिस्तान और पड़ोसी ईरान के बीच भू-राजनीतिक तनाव (Iran-Pakistan War) बढ़ने से गुरुवार को पाकिस्तान के बांड और शेयर बाजार में खलबली मच गई. गुरुवार को पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (Pakistan Stock Exchange) 1000 अंक से ज्यादा गिर गया.
PSX वेबसाइट के मुताबिक, गुरुवार को 10:08 am पर KSE-100 इंडेक्स 1038 अंक गिर गया था. हालांकि कुछ देर बार इसने रिकवरी की ओर 770.12 अंक गिरकर 62,797.21 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद 63,567.33 से 1.21 फीसदी कम था. वहीं शुक्रवार को पाकिस्तान के शेयर बाजार (Pakistan Stock Market) में उछाल देखने को मिला. KSE-100 इंडेक्स 1 फीसदी या 632 अंक चढ़कर 63,834 पर कारोबार कर रहा था.
अर्थव्यवस्था के लिए बढ़ा और खतरा
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Pakistan Economic Crisis) से हर कोई वाकिफ है, लेकिन अब इसके लिए और खतरा बढ़ने वाला है. यहां अगले महीने से आम चुनाव (Election in Pakistan) होने वाले हैं, जिसका असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है. इसी बीच, ईरान के हमले ने इस मुल्क की और टेंशन बढ़ा दी है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ईरान-पाकिस्तान में तनाव (Tension in Iran-Pakistan) जारी रहता है तो गिरती अर्थव्यवस्था के लिए और खतना पैदा हो सकता है.
ईरान से इन चीजों का व्यापार
पाकिस्तान का ईरान के साथ आर्थिक संबंध (Iran Pakistan Trade Relation) कुछ खास बड़े नहीं हैं, लेकिन ईरान पाकिस्तान को कई सुविधाएं प्रदान करता है. ईरान पाकिस्तान के कई क्षेत्रों को बिजली प्रोवाइड कराता है. साथ ही एलपीजी, डीजल समेत अन्य वस्तुओं को बड़े पैमाने पर निर्यात करता है. पाकिस्तान ने जून में एक विशेष प्रस्ताव पारित किया था, जिसके तहत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस समेत कुछ वस्तुओं के लिए ईरान के साथ-साथ अफगानिस्तान और रूस के साथ व्यापार करने की अनुमति दी थी. ईरान और पाकिस्तान (Iran-Pakistan Trade) के बीच करीब 2 अरब डॉलर का कारोबार होता है.
पाकिस्तान में महंगाई चरम पर
अपने इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लेकर कई जगहों से मदद मिली है. इसके बावजूद पाकिस्तान की हालत में सुधार नहीं हो पा रहा है. आलम ये हैं कि पाकिस्तान में महंगाई चरम पर पहुंच गई है. महंगाई (Inflation) इतनी ज्यादा हो गई है कि लाहौर में 12 अंडों की कीमत 400 रुपये तक पहुंच गई है. चिकन की कीमत 600 रुपये प्रति किलो से ज्यादा हो चुकी है. वहीं प्याज 275 रुपये से 300 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इसके अलावा अन्य जरूरत की चीजों की कीमत भी आसमान छू रही हैं.
पाकिस्तान की कितनी जीडीपी?
पाकिस्तान की बात करें तो यहां कुल आबादी 241,499,431 (2022 के मुताबिक) है. पाकिस्तान इकोनॉमी की बात करें तो इसकी जीडीपी (Pakistan GDP) 340.64 अरब डॉलर है और जीडीपी के मामले में ये दुनिया में 46वें पायदान पर आता है. पाकिस्तान पर चीन और अमेरिका जैसे देशों का भारी कर्ज है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पाकिस्तान का कुल बजट खर्च 14.46 लाख करोड़ रुपये था. इसमें डिफेंस पर होने वाला खर्च 1,804 अरब रुपये रखा गया है.
ईरान GDP में आगे
ईरान की फाइनेंशियल हेल्थ भी कोई खास अच्छी नहीं है, लेकिन पाकिस्तान इसकी जीडीपी ज्यादा है. यहां जनसंख्या पाकिस्तान के मुकाबले कम है, ईरान की पॉपुलेशन 86,758,304 (2022 के मुताबिक) है और इसकी जीडीपी का आकार (Iran GDP) 366.438 अरब डॉलर है और आर्थिक स्तर पर रैंकिग के मामले में ये दुनिया के 42वें पायदान पर है.