
अपने इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब तक मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से गुहार लगाने वाले पाकिस्तान को वहां से मंजूरी भी मिल गई. लेकिन देश के बुरे दिन खत्म होते नजर नहीं आ रहे हैं. ये हम नहीं कह रहे बल्कि, शहबाज शरीफ सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम PAK की बदहाली की तस्वीर बयां कर रहे हैं. ताजा मामले में सरकार इस्लामाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को ठेक पर देने जा रही है.
IMF की मदद के बाद भी हालात जस के तस
दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान को कंगाली से बचाने के लिए बीते दिनों आईएमएफ (IMF) ने उसकी उम्मीद और मांग से ज्यादा 3 अरब डॉलर की मदद का ऐलान किया था. इसके अलावा चीन और सऊदी की ओर से मदद का हाथ बढ़ाया गया था. लेकिन इन सबके बावजूद पाकिस्तान की कंगाली खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पाकिस्तान की सरकार एक के बाद एक ऐसे फैसले लेती जा रही है, जिससे पता चल जाता है कि जिस हालात में Pakistan Economy पहुंच चुकी है, उससे उबरना मुश्किल है.
12 अगस्त तय की गई है डेडलाइन
बिजनेस टुडे के मुताबिक, आर्थिक संकट की मार झेल रहे पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने इस्लामाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IIA) के स्टेकहोल्डर्स से कहा है कि वे 12 अगस्त तक हवाई अड्डे के संचालन को आउटसोर्स करें. एयरपोर्ट को ठेके पर देने के लिए ये बैठक बीते शनिवार को हुई थी. इस बैठक में आनन-फानन में इशाक डार ने हवाई अड्डे के संचालन की आउटसोर्सिंग की प्रगति पर नजर रखने और उसका आकलन करने के लिए संचालन समिति को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए.
उन्होंने Aviation Act में संशोधन और PIA के पुनर्गठन की योजना को अंतिम रूप देने के लिए संबंधित विभागों को एक डेडलाइन भी दी है. पाकिस्तानी अखबार डॉन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तानी कैबिनेट मिनिस्टर ने जुलाई 2023 के अंत तक इन संशोधनों पर संसद की मंजूरी लेने पर भी जोर दिया.
न्यूयॉर्क का ऐतिहासिक होटल भी लीज पर दिया
लंबे समय से आर्थिक संकट के जूझ रहे पाकिस्तान की सरकार की तमाम कोशिशें देश को इस भंवर से निकालने में नाकाम रही हैं. इससे पहले पैसे जुटाने की कोशिश में सरकार ने अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित अपने मशहूर रूजवेल्ट होटल (Roosevelt Hotel) को तीन साल के लिए किराये पर दे दिया था. पाकिस्तान की ये डील करीब 220 मिलियन डॉलर की थी.
पाकिस्तान के उड्डयन मंत्री ख्वाजा साद रफीक ने न्यूयॉर्क प्रशासन को यह होटल तीन साल के लिए लीज पर दिए जाने का खुलासा किया था. इसके बाद बीते महीने खबर आई कि वित्तीय परेशानियों के बीच सरकार ने इमरजेंसी फंड इकठ्ठा करने के लिए कराची बंदरगाह (Karachi Port) को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को बेचने की तैयारी कर ली है.
शहबाज सरकार जाते-जाते कर रही ये काम!
ताजा मामला इसलिए भी खास है क्योंकि पाकिस्तान सरकार ने 12 अगस्त तक एयरपोर्ट को ठेके पर देने की प्रक्रिया पूरी करने के दिशा-निर्देश दिए हैं और ये 12 अगस्त की तारीख मौजूदा शहबाज़ शरीफ सरकार के कार्यकाल का अंतिम दिन भी है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आठ अगस्त को नेशनल असेंबली भंग करने के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश भेजेंगे. संसद के भंग होने के तीन महीनों के भीतर पाकिस्तान में आम चुनाव होंगे. शनिवार को हुई मीटिंग में पाकिस्तानी मंत्री इशाक डार ने संबंधित विभागों को इसे अंतिम रूप देने के लिए निर्देशित किया.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मीटिंग के बाद जारी आधिकारिक घोषणा में कहा गया कि आउटसोर्सिंग के बारे में विश्व बैंक (World Bank) के अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) को जानकारी दे दी गई है. संपत्तियों को लीज पर देने का ये कदम तत्काल नहीं लिया गया है, बल्कि पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति ने 31 मार्च 2023 को इस्लामाबाद, लाहौर और कराची हवाई अड्डों पर ऑपरेशन और भूमि संपत्तियों को 25 साल तक आउटसोर्स करने का फैसला लिया था.
चीन ने फिर बढ़ाया मदद का हाथ
आर्थिक संकट के भंवर में फंसे पाकिस्तान की मदद के लिए एक बार फिर उसका सदाबहार दोस्त चीन सामने आया है और इस बार 60 करोड़ डॉलर का कर्जा दिया है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि एग्जिम बैंक ऑफ चाइना से पाकिस्तान को ये कर्ज मिला है. 60 करोड़ डॉलर का यह नया कर्ज पाकिस्तान को बीते तीन महीनों में दिए गए पांच अरब डॉलर के कर्ज से अलग है. बता दें इससे पहले चीन ने पाकिस्तान को 70 करोड़ डॉलर (China Debt on Pakistan) का कर्ज देने की मंजूरी दी थी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की बात करें तो बीते दिनों वैश्विक निकाय ने ऐलान किया था कि वह पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज देगा. शरीफ का कहना है कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है लेकिन हम अपना मुद्रा भंडार कर्ज लेकर नहीं बल्कि अपनी आय का सृजन कर बढ़ाना चाहते हैं.