
पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की खराब हालत की वजह से वहां की करेंसी रुपया (Pakistan Rupee) भी लगातार पिटती दिख रही है. हालत यह है कि यह डॉलर के मुकाबले अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई है. दूसरी तरफ तुर्की की करेंसी लीरा (Turkey lira) की हालत भी बिल्कुल खस्ता है.
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक State Bank of Pakistan (SBP) के अनुसार पाकिस्तानी रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 172.78 पर बंद हुआ. यह इसका अब तक का ऐतिहासिक निचला स्तर है. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक केंद्रीय बैंक के तमाम कदम रुपये की गिरावट को रोकने में नाकाम साबित हुए हैं. मई 2021 से अब तक पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले करीब 13.4 फीसदी टूट चुका है.
स्टेट बैंक ने जो बाजार आधारित फ्री एक्सचेंज रेट सिस्टम शुरू किया है उससे रुपये को और नुकसान ही हुआ है. इसकी वजह से आयातित उत्पादों और कच्चे माल के दाम बढ़े हैं और समूची इकोनॉमी पर चोट पहुंची है.
लगातार खराब होती हालत
पाकिस्तान में यह चर्चा जोरों पर है कि रुपये में इस गिरावट की वजह आईएमएफ द्वारा लोन के लिए कई शर्तें तय करना है. गौरतलब है कि पाकिस्तान की एक उच्च स्तरीय टीम वाशिंगटन मेंआईएमएफ से लोन लेने के लिए बातचीत करने गई है. इसकी वजह से रुपया और धड़ाम हो गया.
सोमवार को कारोबार के दौरान तो पाकिस्तानी रुपया 173.20 के स्तर तक चला गया था. देश में जब पेट्रोलियम उत्पादों के दाम सरकार ने काफी बढ़ाए तो यह माहौल बना कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ यह पाकिस्तान सरकार की बातचीत का नतीजा है. अब जब रुपये में ऐतिहासिक गिरावट आई है तो भी पाकिस्तान के लोग ऐसा मानरहे हैं किआईएमएफ द्वारा कई तरह की शर्तों को थोपने की वजह से ऐसा हुआ है.
लीरा भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर
दूसरी तरफ तुर्की की मुद्रा लीरा (lira) भी ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर पहुंच गई है. जानकारों का कहना है कि हाल-फिलहाल तो इसमें किसी तरह के सुधार की गुंजाइश कम ही दिख रही है. लीरा भी इस साल दुनिया के उभरते बाजारों की सबसे खराब प्रदर्शन वाली करेंसी साबित हो रही है. सोमवार को लीरा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 9.34 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 9.35 पर पहुंच गया. यह इसका निचला ऐतिहासिक स्तर है.