
भारत के सबसे पुराने कारोबारी घराने में से एक शापोरजी पालोनजी समूह (Shapoorji Pallonji Group) के मुखिया पालोनजी मिस्त्री (Pallonji Mistry) अब दुनिया में नहीं रहे. सार्वजनिक मंचों और समारोहों से दूरी बनाकर रखने वाले पालोनजी मिस्त्री 93 साल के थे. सोमवार की रात मुंबई में उनका निधन हो गया. पालोनजी अपने जमाने में बंबई हाउस (Bombay House) यानी टाटा समूह (Tata Group) के मुख्यालय के फैंटम (Phantom Of Bombay House) के नाम से जाने जाते थे.
ओमान के सुल्तान से मिला पहला विदेशी टेंडर
शापोरजी पालोनजी समूह को ऊंचाइयों तक ले जाने वाले दिग्गज उद्योगपति 'पालोनजी मिस्त्री' का जीवन काफी दिलचस्प रहा है. जहां एक ओर उनके नाम उद्योग जगत की कई उपलब्धियां दर्ज हैं, वहीं दूसरी ओर उम्र के ढलान में उन्हें उस टाटा समूह के साथ मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ा. ये वो कंपनी है जिसके साथ उनका नाता बचपन से जुड़ा हुआ था.
पालोनजी की उपलब्धियों की बात करें तो एसपी समूह को कंस्ट्रक्शन की दुनिया का बेताज बादशाह बनाने का श्रेय उन्हें जाता है. उनकी अगुवाई में शापोरजी पालोनजी के कंस्ट्रक्शन का कारोबार देश की सीमा को लांघकर कई देशों में पहुंच गया. फोर्ब्स (Forbes) के अनुसार, पालोनजी मिस्त्री की अगुवाई में एसपी समूह को विदेश से जो पहला टेंडर मिला था, वह ओमान के सुल्तान (Sultan Of Oman) का महल बनाने का था. ओमान के सुल्तान का आलीशान महल शापोरजी पालोनजी समूह ने साल 1976 में बनाना शुरू किया था.
नहीं रहे उद्योगपति पालोनजी मिस्त्री, 93 की उम्र में ली आखिरी सांस, टाटा ग्रुप से रहा खास नाता
कभी टाटा के साथ रहा नजदीकी नाता
फोर्ब्स के अनुसार, पालोनजी मिस्त्री की ताजा नेटवर्थ (Pallonji Mistry Networth) 12.9 बिलियन डॉलर थी. वह साल 2022 में रईसी के मामले में दुनिया में 125वें और भारत में 9वें पायदान पर थे. चूंकि उन्होंने पैत्सी पेरिन डुबाश के साथ विवाह के बाद 2003 में आयरलैंड (Ireland) की नागरिकता ले ली थी, वह इस हिसाब से आयरलैंड के सबसे अमीर व्यक्ति थे.
पालोनजी के परिवार की संपत्ति का मुख्य हिस्सा टाटा समूह में हिस्सेदारी है. कहते हैं कि पालोनजी की कंपनी टाटा की कंपनियों के लिए भी कंस्ट्रक्शन का काम करती थी.
जेआरडी टाटा के समय टाटा समूह ने कभी पालोनजी को कंस्ट्रक्शन की कॉस्ट के बदले होल्डिंग कंपनी टाटा संस (Tata Sons) के शेयर दिए थे. यहीं से टाटा संस में मिस्त्री परिवार की हिस्सेदारी की शुरुआत हुई. हालांकि संयोग देखिए कि कभी टाटा के लिए कंस्ट्रक्शन का काम करने वाली कंपनी शापोरजी पालोनजी को हाल ही में कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में ही टाटा से मात मिल गई.
यह मामला राजधानी दिल्ली के पास जेवर में बन रहे नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) से जुड़ा है. इसके लिए टाटा और एसपी ग्रुप, दोनों ने बोली लगाई थी, लेकिन जीत टाटा के हाथ लगी.
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कई साल चली टाटा-मिस्त्री परिवार की मुकदमेबाजी
टाटा समूह के साथ मिस्त्री परिवार का बड़ा पुराना नाता रहा है. टाटा परिवार और मिस्त्री परिवार दोनों ही पारसी हैं. दोनों ही भारत के सबसे पुराने बिजनेस परिवारों में से हैं. टाटा परिवार से इसी नजदीकी के चलते बंबई हाउस में पालोनजी मिस्त्री की धमक रहा करती थी, जिस कारण मीडिया ने उन्हें फैंटम ऑफ बॉम्बे हाउस का नाम दे दिया था.
बाद में जब पहली बार टाटा परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस का चेयरमैन बना तो वो थे मिस्त्री परिवार के साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry). साइरस मिस्त्री पालोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे हैं. हालांकि इसके बाद ही दोनों परिवारों के बीच खटास की शुरुआत हो गई. भारतीय कारोबार जगत में बोर्ड के भीतर हुई सबसे भयानक लड़ाइयों (Board Room Battle) में से एक इन दो परिवारों के बीच लड़ी गई.
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संबंध बिगड़ने पर पालोनजी ने किया था ये ऐलान
साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद मुकदमेबाजी का दौर शुरू हुआ. हालात इस कदर बिगड़ गए कि खुद रतन टाटा (Ratan Tata) को बीच में उतरना पड़ गया.
हाईकोर्ट (High Court), एनसीएलटी (NCLT), एनसीएलएटी (NCLAT) से होता हुआ यह जंग सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की दहलीज तक गया. अंतत: इस पूरी लड़ाई में भी जीत टाटा के ही हाथ लगी. दोनों परिवारों के बीच इस लड़ाई के बाद भी टाटा संस में मिस्त्री परिवार (Mistry Family) की 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू अरबों में है. हालांकि इस लड़ाई से दोनों परिवारों के बीच संबंध खराब हुए और इसके बाद पालोनजी मिस्त्री ने टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी कम करने का ऐलान कर दिया था.
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अभी इतना फैल चुका मिस्त्री परिवार का कारोबार
पालोनजी ने शापोरजी पालोनजी समूह को कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहने दिया. अभी यह समूह इंजीनियरिंग (Engineering), इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure), रियल एस्टेट (Real Estate), जल (Water), ऊर्जा (Energy) और वित्तीय सेवाओं (Financial Services) जैसे सेक्टर्स में भी दमदार उपस्थिति रखता है. आपको यह जानकर हैरानी नहीं होनी चाहिए कि भारत के सबसे बेहतर वाटर प्यूरिफायर ब्रांडों में गिने जाने वाले यूरेका फोर्ब्स (Eureka Forbes) का मालिकाना हक भी पालोनजी के समूह के पास ही है. पालोनजी के रिटायर होने के बाद उनके बड़े बेटे शापोरजी मिस्त्री (Shapoorji Mistry) अभी कारोबारी साम्राज्य को संभाल रहे हैं.