
आज तक चुनावी महामंच 'पंचायत आजतक' पर इकोनॉमिस्ट हसीब द्रबू ने शिरकत किया. उन्होंने कश्मीर के टूरिज्म इंडस्ट्री पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि पार्टियों के मेनीफेस्टो में यहां पर बिजनेस कम्युनिटी क्रिएट करने जैसी चीजें नहीं दिखाई देती हैं. यहां बिजनेस को लेकर सबसे बड़ा हब टूरिज्म सेंटर है. इकोनॉमिस्ट हसीब द्रबू ने कहा कि पिछले तीन साल से टूरिज्म इंडस्ट्री अच्छी चल रही है. होटल से लेकर नए लोकेशन की तलाश और क्रिएट करने का प्रयास जारी है, लेकिन अभी इस इंडस्ट्री को बहुत सी चीजों की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को इंटरनेशलन टूरिज्म पर फोकस है. अभी अलग-अलग देशों की एडवाइजरी के कारण यहां विदेशी पर्यटक नहीं आ पा रहे हैं. एडवाइजरी से पहले हमने अक्सर देखा है कि अगस्त से सितंबर के दौरान विदेशी पर्यटक भारी मात्रा में यहां आते थे, लेकिन अभी इंटरनेशनल टूरिज्म बैन है. कश्मीर में अभी पहले से स्थिति ठीक हो चुका है, इसलिए भारत सरकार को अन्य देशों से एडवाइजरी खत्म करने को लेकर बात करनी चाहिए.
यह चीज हो जाए तो वर्ल्ड टूरिज्म सेंटर बन जाए कश्मीर
एडवाइजरी हटाने पर बात करना ज्यादा सही है. यूरोप के लोग और अमेरिका के लोग आए तो कश्मीर वर्ल्ड टूरिज्म सेंटर बन जाएगा. केवल एडवाइजरी की वजह से लोग नहीं आ पा रहे हैं. हर देश से लोग यहां आना चाहते हैं, लेकिन एडवाइजरी की वजह से वे लोग नहीं आ पा रहे हैं.
पर्यावरण को भी सेफ रखने की जरूरत
उन्होंने कहा कि पैसा कमाना अलग बात है, लेकिन अपने पर्यावरण को भी बचाना चाहिए. पर्यावरण के अनुसार कंस्ट्रक्शन और सफाई की व्यवस्था की जाए. लोगों के आने और जाने के लिए सही व्यवस्था की जाए. यहां बड़ी संख्या में लोग पर्यावरण को ही देखने आते हैं, कोई होटल या अन्य चीजें नहीं देखता, इसलिए पर्यावरण को बेहतर रखने पर ज्यादा फोकस रखना चाहिए.
नए डेस्टिनेशन क्रिएट करने की आवश्यकता
जम्मू और कश्मीर में वैष्णों देवी मंदिर, गुलमर, पहलगाम जैसे ही डेस्टिनेशन हैं, जहां पर ज्यादा लोगों के पहुंचने से अब पहले जैसी स्थिति नहीं रह गई है. इकोनॉमिस्ट ने कहा कि यहां पर चीजों को और बेहतर करने पर फोकस करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लिए कुछ और डेस्टिनेशन क्रिएट करने की आवश्यकता है. ताकि ज्यादा पर्यटक को आकर्षित किया जा सके.
कैसे कश्मीर ज्यादा से ज्यादा पहुंचेगे पर्यटक
उन्होंने कहा कि बिना कमर्शियल एक्टिविटी के पर्यटक नहीं आ पा रहे हैं. परमिशन नहीं देने के कारण कमर्शियल डेवलपमेंट नहीं हो पा रहा है. गुरेज कभी डेवलप नहीं हुआ. गुरेज वैली में रुकने की परमिशन देनी चाहिए. साथ ही वहां पर पर्यावरण को नुकसान ना दे ऐसा कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कश्मीर टूरिज्म इंडस्ट्री तभी बूस्ट होगी जब नए लोकेशन को क्रिएट किया जाए. साथ डेवलप करने और प्रमोट करने पर फोकस किया जाए.