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पहले पेटीएम पेमेंट्स बैंक... फिर IIFL और अब कोटक महिंद्रा, RBI क्‍यों ले रहा इन बैंकों पर एक्‍शन?

पिछले दिनों नियामक ने IIFL Finance लोन मैनेजमेंट में बड़ी खामियों के कारण नए ग्राहकों के लिए उसके गोल्‍ड लोन कारोबार को तुरंत रोकने का निर्देश दिया था. इसी तरह पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर भी कार्रवाई की गई थी.

कोटक महिंद्रा बैंक कोटक महिंद्रा बैंक
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 24 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 10:00 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मोबाइल के माध्‍यम से ऑनलाइन नए ग्राहकों को जोड़ने और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) जारी करने से रोक लगा दी है. कोटक महिंद्रा बैंक पर ये कार्रवाई बैंकिंग रेगुलेशन एक्‍ट 1949 की धारा 35ए के तहत की गई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने इससे पहले पेटीएम पेमेंट्स बैंक और IIFL Finance पर कार्रवाई किया है. 

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अभी तक RBI की ओर से इन बैंकों पर कार्रवाई नियमों की उल्‍लघंन के कारण लगाया है. RBI के मुताबिक, जोखिम की चिंताओं के मद्देनजर इन सभी बैंकों पर कार्रवाई की गई है. पिछले दिनों नियामक ने IIFL Finance लोन मैनेजमेंट में बड़ी खामियों के कारण नए ग्राहकों के लिए उसके गोल्‍ड लोन परिचालन को तुरंत रोकने का निर्देश दिया था. 

IIFL Finance पर इस क्‍यों लगा था बैन? 
आरबीआई के मुताबिक, 31 मार्च, 2023 तक IIFL Finance कंपनी के फाइनेंस जांच में कई खामियां सामने आईं, जिनमें सोने की शुद्धता और वजन पर अपर्याप्त जांच, कैश लोन पर वैधानिक सीमाओं का उल्लंघन, मानक नीलामी प्रक्रियाओं से अलग और ग्राहक खाता शुल्क में पारदर्शिता की कमी थी. 

पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर क्‍यों हुई कार्रवाई? 
इसी तरह, RBI ने लंबे समय तक गैर-अनुपालन मुद्दों के कारण 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) पर प्रतिबंध लगा दिया. आरबीआई ने पीपीबीएल को अन्य प्रतिबंधों के साथ-साथ अतिरिक्त जमा और टॉप-अप स्वीकार करने के साथ-साथ ग्राहक खातों में क्रेडिट लेनदेन करने से भी रोक दिया था. ग्राहकों को अपने खाते और वॉलेट दूसरे बैंकों में ट्रांसफर करने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया गया था. 

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आरबीआई क्‍यों ले रहा एक्‍शन? 
बिजनेस टुडे के छपी रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई द्वारा उठाए गए हालिया रेड फ्लैग को देखते हुए, कोविड-19 के बाद खुदरा लोन में हालिया उछाल ने नियामक को सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें असुरक्षित पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड पर जोखिम भार बढ़ाना शामिल है. इस बीच नियमों की अनदेखी करने वाले बैंकों पर कार्रवाई की जा रही है.

गौरतलब है कि देश में सक्रिय क्रेडिट कार्डों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. दिसंबर 2019 तक 5.5 करोड़ (5,53,32,847) से जनवरी 2024 तक लगभग 10 करोड़ (9,95,00,257) हो गई है. 

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