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Paytm-Zomato अब अच्छे लगते हैं! समीर अरोड़ा ने कहा- अगली New Age Company यही

पेटीएम का शेयर 832.35 रुपये के लेवल पर कारोबार कर रहा है. बीते छह महीने में इस स्टॉक ने अपने निवेशकों को करीब 24 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं Zomato का शेयर तिमाही नतीजों के बाद 5 दिन में करीब 14 फीसदी चढ़ चुका है और 100 रुपये के लेवल छू चुका है.

पेटीएम और जोमैटो के निवेशकों के चेहरों पर लंबे समय बाद लौटी मुस्कान पेटीएम और जोमैटो के निवेशकों के चेहरों पर लंबे समय बाद लौटी मुस्कान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 2:25 PM IST

पेटीएम (Paytm) और जोमैटो (Zomato)... इन दोनों ही कंपनियों की कहानी बीते कुछ समय पहले एक जैसी ही थी. दोनों के निवेशक बेहाल थे, लेकिन अब पासा पलट गया है. जहां एक ओर पेटीएम के शेयर (Paytm Share) रॉकेट की रफ्तार से भागे हैं, तो वहीं जोमैटो के तिमाही नतीजों (Zomato Q1 Results) के बाद इसके शेयरों में रैली देखने को मिल रही है. सोमवार को जोमैटो के शेयर ने सेंचुरी तक लगा दी. हालांकि, ये तेजी अभी आगे जारी रहेगी या फिर शुरू होगा गिरावट का दौर, आइए इस मामले में एक्सपर्ट्स की राय जानते हैं. 

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लिस्टिंग के बाद से ही गिरावट थी जारी
सबसे पहले बात करते हैं पेटीएम और जोमैटो, दोनों शेयरों की बदली हुई चाल की. तो बता दें पेटीएम के स्टॉक में शेयर बाजार (Share Market) में लिस्टिंग के बाद से भारी गिरावट का दौर जारी था और निवेशकों के बुरे दिन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे थे, लेकिन अब कंपनी के निवेशकों के चेहरे पर खुशी लौट आई है. जो Paytm Stock अपनी लिस्टिंग प्राइस से करीब 60 फीसदी से ज्यादा तक टूट गया था वो एक बार फिर से उछाल भरने लगा है.

वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन फूड डिलीवरी फर्म जोमैटो ने जून 2023 तिमाही के नतीजे पेश करते हुए जब बताया कि उसे पहली बार 2 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, तो इसका असर कंपनी के स्टॉक्स पर भी देखने को मिला. 6 महीने पहले जो Zomato Stock 50 रुपये का था, वो अब सेंचुरी लगाते हुए 100 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. 

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अब यहां पहुंचे पेटीएम-जोमैटे के शेयर
Paytm-Zomato और अन्य न्यू ऐज स्टॉक्स को लेकर हेलिओस कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने पहले पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस (One 97 Communication) और जोमैटो दो नए जमाने के स्टॉक खरीदे थे और दोनों नामों में हालिया रैली के बावजूद, अभी भी उन्हें अपने पास रखा हुआ है यानी लंबे समय बाद इनमें तेजी आने के बावजूद इन्हें बेचा नहीं है. उन्होंने कहा कि ये दोनों ही शेयर हमने अच्छे दामों पर खरीदे थे, हालांकि, उस समय ये स्टॉक अपने हाई से करीब 60-70 फीसदी नीचे थे.

फिलहाल की बात करें तो पेटीएम का शेयर 832.35 रुपये के लेवल पर कारोबार कर रहा है. बीते छह महीने में इस स्टॉक ने अपने निवेशकों को करीब 24 फीसदी का रिटर्न दिया है. पेटीएम के स्टॉक का ऑल टाइम लो-लेवल 438.35 रुपये था और हाई 914.95 रुपये, ताजा स्थिति को देखें तो इस शेयर की परफॉर्मेंस में जबरदस्त सुधार हुआ है. वहीं दूसरी ओर Zomato का शेयर तिमाही नतीजों के बाद 5 दिन में करीब 14 फीसदी चढ़ चुका है. सोमवार को हालांकि 1.68 फीसदी शेयर चढ़कर 97 रुपये पर बंद हुआ. जबकि कारोबार के दौरान शेयर 102.85 रुपये के लेवल तक पहुंच गया था. वहीं मंगलवार को खबर लिखे जाने तक ये स्टॉक दो फीसदी की गिरावट के साथ 94.85 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहा था. 

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6 महीने में बदल गया नजारा
समीर अरोड़ा का कहना है कि कि उन्होंने लगभग 500 रुपये में पेटीएम खरीदा था. इन दोनों में बड़े पैमाने पर रैलियां हुई हैं और अब भी ये दोनों ही स्टॉक्स हमारे पास हैं. हालांकि, आज इनकी कीमतें 5-6 महीने पहले की तुलना में बहुत अलग हैं. उन्होंने कहा कि इन दोनों ही कंपनियों के शेयरों में आई सुनामी और अब आई तेजी के बावजूद भरोसा इसलिए कायम है, क्योंकि हमें दोनों ही कंपनियों के बिजनेस मॉडल में कोई समस्या नहीं है. लेकिन उन्होंने पेटीएम जोमैटो के साथ ही अन्य न्यू ऐज स्टॉक्स को लेकर सतर्क रहने की हिदायत दी है. 

हेलिओस कैपिटल के फाउंडर ने आगे कहा कि सामान्य तौर पर पेटीएम और जोमैटो के अलावा अन्य कई नए जमाने के शेयर भी हमारे पोर्टफोलियो में शामिल हैं. उन्होंने भी कभी-कभी अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन उनके साथ जो सबसे बड़ी गलती रही, वह यह थी कि उनका कोई बिजनेस मॉडल नहीं था. समीर अरोड़ ने निवेशकों को सलाह देते हुए कहा कि जो हमारे पास है, हमें उसका मालिक होना चाहिए. नुकसान उन लोगों को हुआ है, जो कीमत को नहीं बल्कि केवल भविष्य की संभावनाओं को देखते थे. 

मार्केट में प्रतिस्पर्धा कम होने का असर
उन्होंने कहा कि वास्तव में इन दोनों शेयरों के लिए भविष्य की संभावनाएं अब ठीक हो गई हैं, क्योंकि अन्य कमजोर कंपनियां मार्केट से लगभग बाहर हो गई हैं. दो साल पहले 100 फिनटेक कंपनियां थीं, लेकिन अब इनमें से केवल 15 या 20 ही बची हुई हैं और उनमें से भी सिर्फ 1-2 लिस्टेड कंपनियां हैं. इसी तरह फूड डिलीवरी स्पेस में 15 कंपनियां थीं जिन्हें वित्त पोषित किया जा रहा था, लेकिन अब केवल दो बची हैं. इसलिए प्रतिस्पर्धा काफी कम हो गई है. उन्होंने कहा कि अब भी बचे हैं, उनकी संभावनाओं में सुधार हुआ है.

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(नोट- शेयर बाजार में किसी भी निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)

 

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