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History Of Pepsi: एक दवा की दुकान से शुरुआत, नाम भी अजीब था... Pepsi की कहानी, आज 200 देशों में धूम!

History Of Pepsi: आज पेप्सी का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है, दुनियाभर में इसके चाहने वाले हैं, लेकिन इसकी शुरुआत की अगर बात करें, तो ये ड्रिंक एक दवा के रूप में शुरू किया गया था.

अमेरिका में दवा के तौर पर हुई थी पेप्सी की शुरुआत अमेरिका में दवा के तौर पर हुई थी पेप्सी की शुरुआत
आजतक बिजनेस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

सॉफ्ट ड्रिंक की बात होती है, तो सबसे पहले जुबां पर पेप्सी-कोकाकोला का नाम आता है. Pepsico की बात करें, तो ये अमेरिकी ब्रांड आज दुनियाभर में फेमस है और इसका कारोबार 200 से ज्यादा देशों में है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर Pepsi की शुरुआत कैसे हुई? तो बता दें इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है और इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी शुरुआत दवा के रूप में की गई थी. आइए जानते हैं फिर कैसे ये सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड मार्केट में लीडर बन गया. 

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1893 में ऐसे हुई शुरुआत 
Pepsi की शुरुआत की बात करें, तो ये साल 1893 में उत्तरी कैरोलीना के न्यू बर्न में हुई थी. इसे दवा (Medicine) के तौर पर यूज के लिए बनाया गया था. इसकी शुरुआत करने वाले शख्स का नाम कैलेब ब्रैडम था, जो पेशे से एक फार्मासिस्ट थे. उन्होंने पानी में चीनी, कारमेल, जायफल, नींबू और कोला नट्स मिलकार एक ड्रिंक तैयार किया था और इसे 'ब्रैड्स ड्रिंक' के नाम से अपनी दुकान पर बेचना शुरू किया था. खासतौर पर इस ड्रिंक को उन्होंने पाचन में सुधार के उद्देश्य से पेश किया था और जब इसकी सेल बढ़ने लगी, तो ब्रैडम के दिमाग में इस ड्रिंक का नाम चेंज करने का आइडिया आया. 

Pepsi नाम से बाजार में उतारा
कैबेल ब्रैडम ने साल 1898 में पेप्सिन एंजाइम के नाम पर पेय का नाम बदलकर Pepsi रख दिया था और इसे हेल्थी कोला के रूप में बाजार में पेश किया. शुरुआत में इस ड्रिंक के लिए 'उत्साही...स्फूर्तिदायक और पाचन में सहायक' टैगलाइन के साथ पेश किया गया था और इसकी सेल लगातार बढ़ती चली गई. इस दौरान इसके लोगो में भी कई बदलाव किए गए, जिसका असर इसकी सेल पर भी दिखाई दे रहा था. 

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समय के साथ बदलता चला गया लोगो
1940 के समय में Pepsi Cola का लोगो एक अजीब से फॉन्ट के साथ तैयार किया गया था, लेकिन फिर इसके फॉन्ट लगातार चेंज देखने को मिलता रहा. शुरुआती दौर में इसका लोगो ठीक वैसा ही लाल रंग का था, जैसा इसके प्रतिस्पर्धी ब्रांड Coca Cola का था. तब  कंपनी ने अलग सोच के साथ पहली बार 1950 में इस ड्रिंक की बोतल के ढक्कन पर लोगो में नीला और सफेद रंग ऐड किया. फिर समय के साथ इसका लोगो और टैगलाइन लगाातर और आकर्षक होती चली गई और इसका कारोबार भी बढ़ता चला गया. 

अरबों डॉलर का रेवेन्यू, 200 देशों में बिक्री 
कार्बोनेटेड और नॉन कार्बोनेटेड ड्रिंक के बाजार में आज Pepcico किसी पहचान का मोहताज नहीं है. रिपोर्ट्स की मानें तो इसका कारोबार दुनिया के 200 से अधिक देशों में फैला हुआ है. कंपनी के प्रोडक्ट लैटिन अमेरिका, यूरोप, एशिया पैसिफिक, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, अफ्रीका, भारत, मिडिल ईस्ट और साउथ ईस्ट एशिया समेत अन्य देशों में मौजूद हैं. इसके अलावा दवा के रूप में शुरू होकर बुलंदियों पर पहुंची पेप्सी की मूल कंपनी इन्कोर्पोरेटेड Fortune-500 की लिस्ट में शामिल अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी है. इसका हेडक्वार्टर न्यूयॉर्क में है. 

कारोबार में तेजी के बीच बढ़े प्रोडक्ट्स 
ड्रिंक से शुरू हुई इस कंपनी का कारोबार जैसे-जैसे बढ़ा, इसने अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में भी विस्तार किया और अब कंपनी के पास Mirinda, Ocean Spray, Mountain Dew, Aquafina, Lipton, 7up, Tropicana, AMP energy समेत कई ब्रांड हैं, तो वहीं स्नैक्स ब्रांड Ruffles, Fritos, Cheetos, Cracker Jack, Sun Chips, Tostitos, Lays भी इसी कंपनी के प्रोडक्ट हैं. 

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