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Petrol-Diesel Price: रूस-यूक्रेन जंग के बीच कच्चा तेल 110 डॉलर प्रति बैरल के पार, चुनाव के बाद बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम?

Russia-Ukraine War: इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ने के बाद भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि यूपी, पंजाब समेत पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमत में आग लग सकती है.

Crude Oil Price: फोटो- रॉयटर्स Crude Oil Price: फोटो- रॉयटर्स
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST
  • सात सालों में पहली बार रेट 110 डॉलर प्रति बैरल
  • चुनाव के बाद बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

Petrol-Diesel Rates: रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच बीते कई दिनों से चल रही जंग का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Prices) पर भी पड़ा है. कच्चे तेल की कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई. यह पिछले सात सालों में सबसे अधिक कीमत है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत में आज पांच फीसदी का इजाफा हुआ है. इसके बाद इसकी कीमत बढ़कर 110.23 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई. जुलाई, 2014 के बाद कच्चे तेल की कीमत पहली बार 110 डॉलर प्रति बैरल पहुंची है. 

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इसके अलावा, अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट की कीमत में भी 4.8 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है. सितंबर, 2013 के बाद इसकी कीमत सबसे अधिक होकर 108.41 डॉलर प्रति बैरल हो गई है. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ने के बाद भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि यूपी, पंजाब समेत पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमत में आग लग सकती है. 

मालूम हो कि दिवाली, 2021 के बाद से देश में पेट्रोल-डीजल के रेट्स में कोई बदलाव नहीं हुआ है. लेकिन इसके विपरीत कच्चे तेल की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है. यूक्रेन में रूस के बमबारी करने के बाद इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम तेजी से बढ़े हैं. हाल ही में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई थीं, जिसके बाद आज यह कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई.

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तेल कंपनियां तय करती हैं दाम
पिछले कई सालों से केंद्र सरकार के बजाय सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के रेट्स को तय करती हैं. तेल कंपनियों का दावा है कि ये कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में रोजाना आने वाले कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव के मद्देनजर तय की जाती हैं. भारत में रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के नए दाम जारी होते हैं. पिछली बार नवंबर महीने के शुरुआत में पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी पर 10 और पांच रुपये की कटौती करते हुए जनता को राहत दे दी थी. यूपी-बिहार समेत लगभग सभी राज्यों ने बाद में वैट की दरें भी घटा दी थीं.  

...तो विधानसभा चुनाव के बाद बढ़ जाएंगे दाम?
इन दिनों पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. यूपी में अभी दो चरणों की वोटिंग बाकी है. सात मार्च को जहां आखिरी चरण का मतदान है तो वहीं, 10 मार्च को चुनावी नतीजे आ जाएंगे. पेट्रोल-डीजल के दामों पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि दरअसल, विधानसभा चुनावों की वजह से ही तेल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है. हालांकि, यूं तो कहा जाता है कि तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से तेल के भाव तय करती हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि जब किसी राज्य के चुनाव चल रहे होते हैं तो आमतौर पर पेट्रोल-डीजल के भाव नहीं बढ़ते. चुनाव के बाद फिर से कीमतों में बदलाव होने लगता है. ऐसे में एक्सपर्ट्स आशंका जता रहे हैं कि इस बार भी चुनावी नतीजों के बाद पेट्रोल-डीजल के रेट्स बढ़ सकते हैं. 

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