
तमाम विरोध और आलोचना के बावजूद तेल कंपनियों के द्वारा तेल के दाम में बढ़त का सिलसिला जारी है. बुधवार को देश में तेल के दाम में लगातार नौवें दिन बढ़त की गई. डीजल और पेट्रोल के दाम में 25-25 पैसे प्रति लीटर की बढ़त की गई. इस बढ़त के बाद दिल्ली में सामान्य पेट्रोल की कीमत बढ़कर 89.54 रुपये लीटर हो गई है. आज राजस्थान के श्रीगंगानगर में सामान्य पेट्रोल 100.07 रुपये पर पहुंच गया.
दिल्ली में फिर 80 के करीब डीजल
इस बढ़त के बाद दिल्ली में पेट्रोल 89.54 रुपये और डीजल 79.95 रुपये प्रति लीटर हो गया है. प्रीमियम या XP कहलाने वाला पेट्रोल तो कई शहरों में 100 रुपये के पार है. यानी प्रीमियम पेट्रोल का दाम 100.18 रुपये प्रति लीटर पर चला गया, तो सामान्य पेट्रोल 97.27 रुपये लीटर है.
मुंबई में पेट्रोल 96.00 रुपये और डीजल 86.98 रुपये लीटर, कोलकाता में पेट्रोल 90.78 रुपये और डीजल 83.54 रुपये लीटर तथा चेन्नई में पेट्रोल 91.68 रुपये और डीजल 85.01 रुपये लीटर है. इसी तरह नोएडा में पेट्रोल 88.13 रुपये और डीजल 80.38 रुपये लीटर है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से आम आदमी से लेकर ट्रांसपोर्टर्स तक सभी बेहाल हैं. डीजल के बढ़ते दाम को देखते हुए ट्रांसपोर्टर्स ने हड़ताल की धमकी दी है. गौरतलब है कि ट्रांसपोर्टर्स पहले से ही काफी परेशान हैं. टोल टैक्सेज काफी बढ़ गए हैं. कोरोना की वजह से उनका कारोबार महीनों तक ठप रहा. पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से से माल भाड़ा भी बढ़ता जा रहा है. ट्रांसपोर्टर्स की लागत का करीब 55 फीसदी हिस्सा ईंधन का ही होता है.
टैक्स की मार
लॉकडाउन के दौरान जब कच्चा तेल काफी टूट गया तो सरकार ने टैक्स या सेस काफी बढ़ाकर दाम कम नहीं होने दिए. इसके बाद अब कहा जा रहा है कि तेल के दाम बढ़ाकर तेल कंपनियां अपने नुकसान की भरपाई कर रही हैं. यानी सरकार और तेल कंपनियों के लिए चिट भी मेरी और पट भी मेरी है. मार आम जनता पर ही पड़ रही है.