
भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) ने एक अप्रैल को पेट्रोल और डीजल के रेट (Petrol-Diesel Price) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया. इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिली क्योंकि पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमत में लगातार तेजी देखने को मिल रही थी. इसी बीच, एक ऐसा डेवलपमेंट सामने आया है, जिससे आम लोगों को काफी रिलीफ मिल सकती है.
दुनियाभर में घटे कच्चे तेल के दाम
अमेरिका ने कच्चे तेल (Crude Oil) की बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए अपने इमरजेंसी रिजर्व से तेल रिलीज कर दिया है. इससे पिछले कुछ दिनों में दुनियाभर में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने अगले छह माह तक अपने स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व से प्रतिदिन 10 लाख बैरल क्रूड ऑयल रिलीज करने की घोषणा की है. इस तरह अमेरिका अगले तीन माह में करीब 18 करोड़ बैरल क्रूड ऑयल रिलीज करेगा.
इसके साथ ही साथ अमेरिका ऐसे अमेरिकी एनर्जी कंपनियों पर शुल्क लगा सकता है, जो सप्लाई से जुड़ी दिक्कत की स्थिति में असाधारण कमाई के चक्कर में तेल को रिलीज करने से बच रहे हैं.
क्रूड ऑयल के दाम में आई इतनी गिरावट
ब्लूमबर्ग पर अवेलेबल डेटा के मुताबिक, मई कॉन्ट्रैक्ट वाले डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल की कीमत 2.14 डॉलर यानी 2.13 फीसदी की गिरावट के साथ 98.14 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है. इसी तरह ब्रेंट क्रूड (आईसीआई) का मूल्य 2.07 डॉलर यानी 1.98 फीसदी कम होकर 102.64 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.
एक महीने में चढ़ गए थे रेट
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से पिछले एक महीने में क्रूड ऑयल के दाम में काफी अधिक उछाल देखने को मिल रहा था. इसकी वजह ये है कि कोविड-19 की हालिया लहरों के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के चलते क्रूड ऑयल की सप्लाई का संकट और गहरा हो जाने की आशंका पैदा हो गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस-यूक्रेन युद्ध के जारी रहने तक क्रूड ऑयल के दाम में उतार-चढ़ाव का सिलसिला बने रहने की संभावना है.
भारत पर पड़ रहा है असर
क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल का प्रतिकूल असर भारतीय इकोनॉमी पर पड़ रहा है. इसकी वजह ये है कि भारत अपनी तेल जरूरत का करीब 80 फीसदी दूसरे देशों से आयात करता है. ऐसे में क्रूड ऑयल का रेट बढ़ने से भारत का इम्पोर्ट बिल बढ़ सकता है.