
भारत में हुए दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) को पूरी दुनिया ने सफल बताया है और देश की जमकर सराहना की है. भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था (Economy) बना हुआ है और इस बात को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लेकर वर्ल्ड बैंक (World Bank) समेत तमाम वैश्विक एजेंसियों ने माना है. जी-20 में जहां भारत के प्रस्तावों पर एक के बाद एक सदस्य देशों ने रजामंदी दी, तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक ड्रीम पर भी इस समिट में एक प्रकार से मुहर लगाई गई. आइए जानते हैं इसके बार में विस्तार से...
2047 तक बनाना है विकसित देश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इंडियन इकोनॉमी को लेकर जो सपना देखा है, उसका जिक्र उन्होंने और उनकी सरकार के मंत्रियों ने कई मौकों पर किया है. इनमें एक है भारत के साल 2047 तक दुनिया के विकसित देशों की लिस्ट में पहुंचना और आने वाले पांच-छह साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी के तौर पर सामने आना.
आज अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार इस लक्ष्य को पाने की ओर बढ़ रही है. अब तो वैश्विक निकायों ने भी पीएम मोदी के इन सपनों पर अपनी मुहर लगा दी है. G-20 में शामिल होने के लिए देश में आईं IMF की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ ने कह दिया है कि ग्लोबल ग्रोथ के इंजन के रूप में भारत की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता.
चार साल में तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनेगा भारत!
Gita Gopinath ने कहा है कि साल 2027-28 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (India Third Largest Economy) बन जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि आने वाले वर्षों में भारत का ग्लोबल डेवलपमेंट में अहम रोल होगा और वैश्विक ग्रोथ में देश का योगदान 15 फीसदी तक पहुंच जाएगा. हालांकि, इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उन्होंने लेबर मार्केट में सुधार, व्यापार करने में आसानी, शिक्षा की गुणवत्ता और महिला श्रम बल की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत पर विशेष जोर दिया है.
6 फीसदी ग्रोथ का जताया अनुमान
गीता गोपीनाथ के मुताबिक, भारत को लेकर जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उनकी विश्वसनीयता पर संदेह का कारण ही नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था संतोषजनक गति से आगे बढ़ रही है. चालू वित्त वर्ष के लिए 6 फीसदी से अधिक की वृद्धि का अनुमान जताते हुए उन्होंने कहा कि विकास के उच्च स्तर को बनाए रखने और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को आकर्षित करने के लिए संरचनात्मक सुधार आवश्यक हैं. आईएमएफ की गीता गोपीनाथ ही नहीं बल्कि भारत से बढ़ते कदमों की सराहना दुनिया की तमाम ग्लोबल एजेंसियों ने भी की है.
जापान और जर्मनी को छोड़ देगा पीछे
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) द्वारा इससे पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जो अनुमान जारी किए जा चुके हैं, उनके मुताबिक भारत 2027 में जापान और जर्मनी जैसे देशों को छोड़ते हुए दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में तीसरे पायदाव पर पहुंच सकता है. साल 2014 से 2023 तक की अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई नए मुकाम हासिल किए हैं.
2014 में ये 10वें पायदान पर थी और आज ग्लोबल इकोनॉमी में पांचवे पायदान तक पहुंच चुकी है. कोरोना काल में जब दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाओं धराशायी हो चुकी थीं, तो Indian Economy ने इस प्रकोप से उबरते हुए ऐसी रफ्तार पकड़ी कि पूरी दुनिया ने भारत का लोहा माना है.