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पीएम मोदी बोले- पहले बैंक डूबने पर केवल पछतावा, अब 5 लाख तक वापस की गारंटी

Bank Deposit Insurance: अब बैंक डूबने की स्थिति में ग्राहकों को 5 लाख रुपये तक का भुगतान किए जाने का प्रावधान किया गया है. पहले बैंक डूबने या दिवालिया होने पर डिपॉजिटर को केवल 1 लाख रुपये तक मिलता था, लेकिन अब सरकार ने इस बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दिया है.

डिपॉजिटर्स इश्योरेंस स्कीम के बारे में बताएंगे पीएम मोदी डिपॉजिटर्स इश्योरेंस स्कीम के बारे में बताएंगे पीएम मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST
  • करीब 98.1 फीसदी बैंक इंश्योरेंस के दायर में
  • हर खाते को 5 लाख रुपये इंश्योरेंस का प्रावधान

अब बैंक डूबने की स्थिति में ग्राहकों को 5 लाख रुपये तक का भुगतान किए जाने का प्रावधान किया गया है. पहले बैंक डूबने या दिवालिया होने पर डिपॉजिटर को केवल 1 लाख रुपये तक मिलता था, लेकिन अब सरकार ने इस बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दिया है. 
 
Bank Deposit Insurance: इसी कड़ी में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) विज्ञान भवन में ‘डिपॉजिटर्स फर्स्ट: गारंटीड टाइम-बाउंड डिपॉजिट इंश्योरेंस पेमेंट अप टू 5 लाख रुपये’ (Depositors First: Guaranteed Time-bound Deposit Insurance Payment up to Rs 5 Lakh) प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा कि गलत नीतियों के कारण पहले बैंक संकट में आने  पर लोगों की गाढ़ी कमाई डूब जाती थी, उन्हें पछताने के अलावा कुछ नहीं मिलता था. 

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पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकार में बैंकों में गड़बड़ी के बाद लोगों के सामने समस्या खड़ी हो जाती थी कि बेटा-बेटी का फीस कहां भरेंगे, बेटी की शादी कैसे करेंगे, इलाज अब कैसे होगा? क्योंकि जमा पैसा तो सरकार की गलत नीतियों के कारण मिलना नहीं है. देश के लोगों ने दशकों तक इस संकट को सहा है. पहले इन सवालों का कोई जवाब नहीं होता था. 

पीएम मोदी ने कहा कि स्थिति को बदलने के हमारी सरकार ने बहुत संवदेनशीलता के साथ फैसला लिए, कानून में बदलाव किया. और आज लोगों को बैंक डूबने में 5 लाख रुपये तक मिलेंगे, वो भी 90 दिन के अंदर मिलेंगे. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में बैंकों में जमा 74 लाख करोड़ रुपये पूरी तरह से सुरक्षित हैं. इस कार्यक्रम केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, MoS वित्त और RBI गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद रहे.  

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सभी तरह के खाते होंगे कवर

डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम देश के सभी कॉमर्शियल बैंकों में सेविंग्स, फिक्स्ड, करेंट, रेकरिंग डिपॉजिट जैसे सभी जमाओं को कवर करता है. राज्य, केंद्रीय और प्राथमिक सहकारी बैंकों में डिपॉजिट भी इस दायरे में आते हैं.  

बैंकिंग सेक्टर में बड़े सुधार के तौर पर इस कदम को देखा जा रहा है. इस सरकार ने बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. अब करीब 98.1 फीसदी खाते इस दायरे में आ गया है. जबकि अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क 80 फीसदी है. 

गौरतलब है कि नए नियम के तहत डिपॉजिट इंश्योरेंस और ऋण गारंटी निगम ने अंतरिम भुगतान की पहली किस्त हाल में जारी की है. यह रकम 16 शहरी सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं को जारी की गई है. आंकड़ों के मुताबिक करीब 1 लाख जमाकर्ताओं के वैकल्पिक बैंक खातों में 1,300 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है. 

DICGC के बारे में
देश के बैंकों में 5 लाख रुपये तक की जमा राशि सुरक्षित होने की गारंटी डीआईसीजीसी की ओर से ​होती है. DICGC भारतीय रिजर्व बैंक के स्वामित्व वाली सब्सिडियरी है, जो बैंक डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवर उपलब्ध कराती है.

अब बैंक डूबने या फिर बंद होने पर प्रत्येक डिपॉजिटर्स को उसके पास मूलधन और ब्याज की राशि के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये तक का बीमा किया जाता है. इस राशि में मूलधन और ब्याज की राशि दोनों शामिल हैं. लेकिन अगर मूल राशि ही 5 लाख रुपये है, तो आपको केवल मूल राशि वापस मिलेगी, फिर ब्याज नहीं मिलेगा.

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