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ब्रिटेन की महारानी पर खर्च होने वाला पैसा कहां से आता था? खेती से भी आमदनी

ब्रिटेन के शाही परिवार को टैक्सपेयर्स की तरफ से मोटी रकम प्राप्त होती है, जिसे सॉवरेन ग्रांट के रूप में जाना जाता है. इसे वार्षिक आधार शाही परिवार को दिया जाता है. 15 संप्रभु राज्यों की महारानी रहीं एलिजाबेथ द्वितीय अपने पीछे अरबों की संपत्ति छोड़ गई हैं, जो अब विरासत में उनके बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स को मिलेगी.

 ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन. ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का गुरुवार को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया. 96 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा. महज 25 साल की उम्र में ब्रिटेन की महारानी बनने वाली एलिजाबेथ द्वितीय 70 साल तक इस पद पर रहीं. 15 संप्रभु राज्यों की महारानी रहीं एलिजाबेथ द्वितीय अपने पीछे अरबों की संपत्ति छोड़ गई हैं, जो अब विरासत में उनके बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स को मिलेगी. लेकिन ब्रिटेन के शाही परिवार खर्च और उनकी अचल संपत्तियों जैसे बकिंघम पैलेस और द क्राउन एस्टेट जैसी इमारतों के रखरखाव के लिए पैसा कहां से आता है. महारानी के विदेशी दौरे का खर्च कौन उठाता था?

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इतनी है महारानी की निजी संपत्ति

Fortune के अनुसार, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय अपने पीछे 500 मिलियन डॉलर ( 39,858,975,000 रुपये) की संपत्ति छोड़ गई हैं. ये संपत्ति प्रिंस चार्ल्स को किंग बनने पर विरासत में मिलेगी. ब्रिटेन के शाही परिवार को टैक्सपेयर्स की तरफ से मोटी रकम प्राप्त होती है, जिसे सॉवरेन ग्रांट के रूप में जाना जाता है. इसे वार्षिक आधार शाही परिवार को दिया जाता है. यह पैसा सरकारी खजाने से दिया जाता है.

क्यों दिया जाता है सॉवरेन ग्रांट?

सॉवरेन ग्रांट के पीछे बेसिक समझौता यह है कि शाही परिवार को क्राउन एस्टेट से सभी मुनाफे को सरेंडर करने के बदले अनुदान मिलता है. शाही परिवार की संपत्तियों का विशाल पोर्टफोलियो है. हर साल शाही परिवार को क्राउन एस्टेट के मुनाफे का 25 फीसदी के बराबर राशि ग्रांट के रूप में दी जाती है. साल 2021 और 2022 में सॉवरेन ग्रांट की राशि 86 मिलियन पाउंड से अधिक तय की गई थी. इसके अलावा ब्रिटेन के शाही परिवार की आमदनी कुछ और जगहों से भी होती है.

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डची ऑफ लैंकेस्टर से होती है भारी इनकम

ब्रिटेन के शाही परिवार की इनकम का एक हिस्सा डची ऑफ लैंकेस्टर से आता है. इसे प्रिवी पर्स से होने वाली आमदनी भी कहा जा सकता है. डची ऑफ लैंकेस्टर शाही परिवार की संपत्तियों का एक पोर्टफोलियो है. इस संपत्ति को मोटे तौर पर कृषि, कर्मशियल और रेसिडेंसियल में बांटा गया है. इसमें डची के कुछ ऐतिहासिक फोरशोर और खनिज अधिकार शामिल हैं. ये संपत्ति एक ट्रस्ट के नाम है और इसका मुख्य उद्देश्य मेजेस्टी को निजी आय प्रदान करना है.

कितनी होती है आमदनी?

द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार यह 2019 में डची ऑफ लैंकेस्टर से शाही परिवार को 27 मिलियन डॉलर की आय हुई थी. शाही परिवार की वेबसाइट के अनुसार, सॉवरेन ग्रांट में कवर नहीं की गई लागतों के भुगतान में इस राशि का इस्तेमाल किया जाता है.

बिजनेस इनसाइडर के अनुसार, महारानी ने अपने निवेश, कला संग्रह, ज्वैलरी और रियल एस्टेट होल्डिंग्स से व्यक्तिगत संपत्ति में के रूप में 500 मिलियन डॉलर से अधिक की रकम जमा किए थे. इसमें सैंड्रिंघम हाउस और बाल्मोरल कैसल शामिल हैं. अब जब उनकी मृत्यु हो गई है, तो उनकी ज्यादातर निजी संपत्ति प्रिंस चार्ल्स को सौंप दी जाएगी.

महारानी के सबसे बड़े बेटे बने किंग

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महारानी के सबसे बड़े बेटे किंग चार्ल्स तृतीय ब्रिटेन के नए राजा बन गए हैं. किंग चार्ल्स ने लेडी डायना स्पेंसर से शादी की है. दोनों के दो बेटे विलियम और हैरी हैं. 1996 में किंग चार्ल्स और डायना स्पेंसर अलग हो गए थे. 1997 में पेरिस में एक कार एक्सीडेंट में डायना स्पेंसर की मौत हो गई थी.  

 

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