Advertisement

'ताज होटल को बम से उड़ा दो, एक भी आतंकी...' जब रतन टाटा ने 26/11 हमले पर दिया था बड़ा बयान

एक इंटरव्‍यू में रतन टाटा ने बताया था कि सुरक्षा कारणों से उन्‍हें ताज होटल के गेट पर ही रोक दिया गया था. फिर उन्‍होंने सुरक्षाकर्मियों से कहा, "एक भी आतंकी जिंदा नहीं बचना चाहिए और जरूरत पड़े तो पूरी प्रॉपर्टी (ताज होटल) को ही बम से उड़ा दो."

Ratan Tata Story Ratan Tata Story
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 11 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 10:15 AM IST

9 अक्‍टूबर 2024 को भारत के दिग्‍गज उद्योगपति रतन टाटा का निधन हो गया. कल शाम को उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्‍कार किया गया. उनके निधन पर पूरा देश गमगीन रहा. रतन टाटा के अंतिम संस्‍कार में भारी जनसैलाब उमड़ा. पूरे देश ने नम आंखों से उन्‍हें अंतिम विदाई दी. 

Ratan Tata ने अपने जीवनकाल में कई ऐसी उपलब्धियां और काम किए हैं, जिनके लिए उन्‍हें हमेशा याद किया जाता रहेगा. उन्‍हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्‍मानित किया गया था. उनसे जुड़े कई ऐसी कहानियां हैं, जो आपको आश्‍चर्य कर देंगी. ऐसी ही एक कहानी मुंबई आतंकी हमला 26/11 से जुड़ा हुआ है. जब ताज होटल पर आतंकी हमले के दौरान रतन टाटा ने पूरी प्रॉपर्टी को बम से उड़ाने के लिए बोल दिया था. 

Advertisement

शुरुआत मुंबई हमले से करते हैं. 26 नवंबर 2008 की मनहूस शाम...600 कमरे और 44 सुइट वाले भारत के पहले लग्जरी होटल ताज महल पैलेस पर पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने हमला कर दिया था. जैसे ही रतन टाटा को खबर मिली वे कुछ ही देर में ताज होटल के गेट पर पहुंच गए. तमाम अवरोधों के बावजूद रतन टाटा ताज होटल के अंदर गए और वहीं पर तीन दिन और 3 रात तक रहे. 

बच ना पाए एक भी आतंकी, पूरी प्रॉपर्टी को ही बम से उड़ा दो
एक इंटरव्‍यू में रतन टाटा ने बताया था कि सुरक्षा कारणों से उन्‍हें ताज होटल के गेट पर ही रोक दिया गया था. फिर उन्‍होंने सुरक्षाकर्मियों से कहा, "एक भी आतंकी जिंदा नहीं बचना चाहिए और जरूरत पड़े तो पूरी प्रॉपर्टी (ताज होटल) को ही बम से उड़ा दो." Ratan Tata ने इस दौरान सुनिश्चित  किया कि सभी लोग सुरक्षित रहे. 

Advertisement

20 दिन में ही कर दिया ये काम 
हमले के बाद जो रतन टाटा ने किया वह सिर्फ वही कर सकते थे. हमले के 20 दिन के भीतर ही उन्होंने एक ट्रस्ट बनाया. इस ट्रस्ट ने इसी 20 दिनों में हमले में मारे गए हर कर्मचारी के परिवार को 36 लाख से लेकर 85 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया. सिर्फ ताज होटल के कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि आतंकी हमले के पीड़ित रेलवे कर्मचारियों, पुलिस स्टाफ, वहां से गुजर रहे राहगीरों जैसे दूसरे लोगों को भी मुआवजा दिया.

बच्‍चों की पढ़ाई की उठाई जिम्‍मेदारी 
रतन टाटा ने आतंकी हमले के पीडितों के बच्‍चों की पढ़ाई-लिखाई की पूरी जिम्मेदारी भी उठाई. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जो काम रतन टाटा ने सिर्फ 20 दिन में ट्रस्‍ट बनाकर कर दिया, वही काम सरकार को करने में सालों लग गए. लेकिन ये काम रतन टाटा ने फटाफट कर दिखाया था. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement