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इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था में आएगी 9 फीसदी की गिरावट: क्रिसिल 

क्रिसिल ने कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 9 फीसदी की गिरावट आ सकती है. एजेंसी का कहना है कि कोरोना संक्रमण अब भी अपने पीक पर नहीं पहुंचा है और सरकार सीधे तौर पर पर्याप्त राजकोषीय सहायता मुहैया नहीं करा रही.

जीडीपी में आएगी भारी गिरावट जीडीपी में आएगी भारी गिरावट
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 10 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:06 PM IST
  • क्रिसिल ने लगाया भारी गिरावट का अनुमान
  • जीडीपी में इस वित्त वर्ष में 9% की गिरावट
  • कहा-सरकार पर्याप्त रकम नहीं खर्च कर रही

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 9 फीसदी की गिरावट आ सकती है. एजेंसी का कहना है कि कोरोना संक्रमण अब भी अपने पीक पर नहीं पहुंचा है और सरकार पर्याप्त रकम नहीं खर्च कर रही. 

अनुमान में भारी बदलाव 

एजेंसी का कहना है ​कि सरकार सीधे तौर पर पर्याप्त राजकोषीय सहायता मुहैया नहीं करा रही. एजेंसी ने अपने पूर्व के अनुमान में भारी बदलाव किया है. इसके पहले मई माह में जारी अनुमान में क्रिसिल ने कहा था कि इस वित्त वर्ष में जीडीपी में 5 फीसदी की गिरावट आ सकती है. क्रिसिल ने कहा कि अगर जीडीपी में 9 फीसदी की गिरावट आई तो यह 50 के दशक के बाद बाद की सबसे बड़ी ​गिरावट होगी. 

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दूसरी तिमाही में आएगी 12 फीसदी की गिरावट 

भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस वित्त वर्ष की पहली यानी जून तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की जबरदस्त गिरावट आई है. क्रिसिल का अनुमान है कि अक्टूबर में खत्म होने वाली इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इकोनॉमी में 12 फीसदी की गिरावट आ सकती है. 

सरकार ने पर्याप्त खर्च नहीं किया!  
गौरतलब है कि कोरोना संकट और लॉकडाउन से लोगों, कारोबार को राहत देने के लिए सरकार ने करीब 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन क्रिसिल का कहना है कि नया खर्च जीडीपी का 2 फीसदी भी नहीं है. 

क्रिसिल ने कहा, 'अब तक महामारी का पीक स्तर देखने को नहीं मिला है और सरकार सीधे तौर पर पर्याप्त राजकोषीय समर्थन नहीं दे रही है. इससे हमारे पूर्व के अनुमान की तुलना में और गिरावट का जोखिम और मजबूत हो गया है.' 

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कब आएगा पॉजिटिव आंकड़ा 

क्रिसिल का कहना है कि अगर कोरोना महामारी सितंबर-अक्टूबर में अपने पीक पर पहुंचता है तो इस वित्त वर्ष के आखिर तक जीडीपी वृद्धि दर पॉजिटिव अंकों में प्रवेश कर सकती है. 

9 से 15 फीसदी का आंकड़ा 
गौरतलब है कि इस तरह कई रेटिंग एजेंसियों ने इस पूरे वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9 से 15 फीसदी तक की गिरावट का आंकड़ा जारी कर​ दिया है. रेटिंग एजेंसी फिच ने यह अनुमान जारी किया था कि कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में इस वित्त वर्ष में 10.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है.
इनवेस्टमेंट बैंक गोल्डमन सैक्श (Goldman Sachs) ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 14.8 फीसदी की भारी गिरावट आ सकती है. इंडिया रेटिंग ऐंड रिसर्च (Ind-Ra) ने वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी में 11.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान जारी किया है. 

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