
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्राइवेट सेक्टर के एक्सिस बैंक (Axis Bank) पर बड़ी कार्रवाई की है और इसके तहत करीब 90 लाख रुपये से ज्यादा का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है. गुरुवार को आरबीआई द्वारा जारी की गई एक रिलीज में ये जानकारी शेयर की गई है. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने इस जुर्माने को लगाने के पीछे के कारणों के बारे में भी बताया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
आरबीआई ने इसलिए लगाया जुर्माना
रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी रिलीज में बताया गया है कि प्राइवेट सेक्टर के Axis Bank पर जुर्माने की कार्रवाई बीते 02 नवंबर, 2023 को जारी किए गए एक नोटिस के अनुरूप की गई है. इसमें बताया गया कि RBI ने बैंक पर निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन न करने के चलते 90.93 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई द्वारा बताया गया है कि केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) से संबंधित दिशा-निर्देश 2016 के पालन में लापरवाही बरतने पर ये कार्रवाई की गई है.
बैंक के ग्राहकों पर कार्रवाई का असर नहीं
एक्सिस बैंक पर जुर्माना लगाने की जानकारी शेयर करने के साथ ही RBI द्वारा यह भी साफ किया गया है कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों के आधार पर की गई है. केंद्रीय बैंक की इस कार्रवाई का उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों (Axis Bank Customers) के साथ किए गए किसी भी ट्रांजैक्शंस या समझौते की वैधता को प्रभावित करना बिल्कुल भी नहीं है.
इस मामले में बैंक की लापरवाही उजागर
RBI की ओर से रिलीज में बताया गया कि एक खाते से संबंधित जांच शुरू की गई थी और इसमें पाया गया कि एक्सिस बैंक (Axis Bank) कुछ मामलों में ग्राहकों की पहचान (KYC) और उनके पते से संबंधित रिकॉर्ड संरक्षित करने में विफल रहा है. इसके अलावा बैंक अपने यहां से कर्ज लेने वाले ग्राहकों के साथ रिकवरी एजेंटों का उचित व्यवहार सुनिश्चित करने में विफल रहा. जांच के बाद एक्सिस बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसका जवाब आने के बाद रिजर्व बैंक ने इन कमियों से संबंधित आरोपों को सही पाया और जुर्माने की कार्रवाई की गई.
RBI ने इन नियमों में किया बदलाव
गुरुवार को ही भारतीय रिजर्व बैंक ने अनसिक्योर लोन रिस्क की चिंताओं के मद्देनजर बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिए लोन (Loan) और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) नियमों में बदलाव किया है. इससे पहले बीते दिनों आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. नए नियम के तहत आरबीआई ने रिस्क वेटेज में 25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. बैंकों और एनबीएफसी के लिए कर्ज प्राप्तियों पर रिस्क वेटेज को भी 25 फीसदी बढ़ाकर क्रमशः 150 फीसदी और 125 फीसदी कर दिया है.