
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) लाने के लिए सरकार को प्रस्ताव दिया है. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) लांच करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 (RBI Act 1934) में संशोधन करने की जरूरत होगी.
पहले से डिजिटल करेंसी की तैयारी कर रहा RBI
रिजर्व बैंक के इस प्रस्ताव में बैंक नोट (Bank Note) की परिभाषा का दायरा बढ़ाने की बात की गई है. केंद्रीय बैंक ने करेंसी को डिजिटल फॉर्म में स्वीकार किए जाने की सिफारिश की है. रिजर्व बैंक लंबे समय से इस बात की तैयारी कर रहा था कि बिना किसी व्यवधान के किस तरह से चरणों में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को लॉन्च किया जाए.
CBDC से होंगे कई फायदे
ऐसा माना जा रहा है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के आने से कई फायदे होंगे. यह न सिर्फ नकदी पर निर्भरता को कम करेगा, बल्कि इससे पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल करेंसी तैयार करने में सरकार को नकदी छापने के खर्च से भी छुटकारा मिलेगा और सेटलमेंट के रिस्क कम हो जाएंगे.
क्रिप्टोकरेंसी को खतरनाक मानते हैं आरबीआई गवर्नर
उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का चलन बढ़ने के बाद कई सेंट्रल बैंक सरकारी डिजिटल करेंसी लाने की संभावना पर गौर कर रहे हैं. रिजर्व बैंक भी इनमें से एक है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी को देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा बताया था. उन्होंने कहा था कि ये क्रिप्टोकरेंसी केंद्रीय बैंक से नियंत्रित नहीं हैं, इस कारण खतरनाक हैं.