
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC Meeting) की जून 2022 की तय बैठक थोड़ी देर में संपन्न होने वाली है. अब बस कुछ ही घंटों का इंतजार बाकी है, उसके बाद पता चल जाएगा कि इस बार लोगों के ऊपर ब्याज का बोझ (Interest Rate Hike) कितना बढ़ने वाला है. सोमवार से चल रही तीन दिनों की बैठक के बाद आज सुबह 10 बजे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) लिए गए निर्णयों की जानकारी देंगे.
अभी भी बेकाबू है मंहगाई
सरकार और रिजर्व बैंक के प्रयासों के बाद भी महंगाई (Inflation) फिलहाल काबू में नहीं आ पाई है. इस कारण लगभग सारे एनालिस्ट यह तय मान रहे हैं कि रेपो रेट बढ़ेगा (Repo Rate Hike) ही. इस बार यह सवाल ही नहीं है कि रेपो रेट बढ़ेगा, स्थिर रहेगा या कम होगा. इस बार सिर्फ एक बात साफ नहीं है और वह है कि रेपो रेट कितना बढ़ेगा. हालांकि इस बारे में भी ज्यादातर एनालिस्ट यही मान रहे हैं कि पिछले महीने की तरह रिजर्व बैंक फिर से रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ा सकता है. खुद आरबीआई गवर्नर बीते दिनों इसे साफ कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि जून बैठक में रेपो रेट बढ़ाया जाएगा, इस बारे में दिमाग लगाने की जरूरत ही नहीं है.
चार साल तक नहीं बढ़ा रेट
रिजर्व बैंक महंगाई को काबू करने के लिए पहले ही पिछले महीने एक बार रेपो रेट को बढ़ा (Repo Rate Hike) चुका है. रिजर्व बैंक ने मई महीने में मौद्रिक नीति समिति की आपात बैठक (RBI MPC Meeting) बुलाई थी. महंगाई बेहिसाब बढ़ जाने के कारण रिजर्व बैंक को ऐसा करना पड़ा था. उसके बाद जून महीने में मौद्रिक नीति समिति की नियमित बैठक हो रही है. आरबीआई ने पिछले महीने करीब दो साल बाद पहली बार रेपो रेट में बदलाव किया था. करीब दो साल तक रेपो रेट महज 4 फीसदी पर बना रहा था. पिछले महीने रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 कर दिया था. यह करीब चार साल बाद रेपो रेट में पहली बढ़ोतरी थी.
इतना बढ़ सकता है रेपो रेट
ब्रोकरेज एजेंसी बोफा सिक्योरिटीज (Bofa Securities) की मानें तो इस बार भी आरबीआई रेपो दर में 0.40% की बढ़ोतरी कर सकता है. बोफा सिक्योरिटीज का कहना है कि टमाटर की कीमतों (Tomato Prices) के चलते मई में फिर से महंगाई बढ़ी है. खुदरा महंगाई दर 7.1% पर पहुंच गई है. ऐसे में आरबीआई का ब्याज दर बढ़ाना लगभग तय ही है. हालांकि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम (Diesel Petrol Duty Cut) करने, क्रूड सोयाबीन और सनफ्लॉवर ऑयल पर आयात शुल्क हटाने और विमानन ईंधन (ATF) की कीमत नीचे लाने जैसे कई उपाय किए हैं. इन प्रयासों के बाद भी फिलहाल महंगाई को नियंत्रित नहीं किया जा सका है.
ईएमआई का बोझ बढ़ना तय
बोफा सिक्योरिटीज का कहना है कि आरबीआई जून बैठक के बाद अगस्त में भी ब्याज दरों को 0.35% से 0.50% तक बढ़ा सकता है. अगर रेपो रेट इसी तरह बढ़ता रहा तो बैंक भी ब्याज दरें बढ़ाते रहेंगे. ब्याज दरें बढ़ने का सीधा असर उन लोगों के ऊपर होगा, जो होम लोन (Home Loan) या पर्सनल लोन (Personal Loan) की ईएमआई (EMI) चुका रहे हैं. इसके अलावा जो लोग आने वाले समय में घर या कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, उनके ऊपर भी बढ़ी ईएमआई का बोझ पड़ना तय है.