
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक आज से शुरू हो रही है. यह आरबीआई की बैठक 7 अप्रैल तक चलेगी. बैठक रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई में हो रही है.
दरअसल, आम आदमी की हमेशा से मौद्रिक नीति समिति की बैठक पर नजर होती है, क्योंकि अगर केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती करता है तो फिर होम लोन समेत तमाम लोन धारकों को EMI में थोड़ी राहत मिलती है.
पांच अप्रैल से 7 अप्रैल तक चलने वाली आरबीआई की यह बैठक बेहद अहम रहने वाली है. क्योंकि सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है.
MPC की बैठक के नतीजों की घोषणा 7 अप्रैल को होगी. जानकारों का कहना है कि रिजर्व बैंक मौद्रिक कार्रवाई की घोषणा के लिए उपयुक्त अवसर का इंतजार करेगा. इससे वह खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने और साथ ही वृद्धि को प्रोत्साहन के सर्वश्रेष्ठ नतीजे सुनिश्चित कर सकेगा.
गौरतलब है कि इस समय रेपो दर चार फीसदी और रिवर्स रेपो दर 3.35 फीसदी है. जानकारों की मानें तो कोरोना के बढ़ते मामले भी आरबीआई की बैठक में एक अंदरूनी मुद्दा हो सकता है. आरबीआई कोरोना के मामलों को देखते हुए भी फैसले ले सकता है. जानकार मान रहे हैं कि एमपीसी अपनी आगामी बैठक में नरम रुख को जारी रखेगी.
गौरतलब है कि मौजूदा समय में होम लोन पर ब्याज दर अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर है. कई वाणिज्यिक बैंकों ने हाल में ब्याज दरें घटाई हैं. अगर RBI ब्याज दरों में और कटौती का फैसला लेता है तो फिर उद्योग और कुल अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी.