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REIT: 500-1000 रुपये लगाकर भी बन सकते हैं प्रॉपर्टी के मालिक, Bank FD से डबल मिलेगा रिटर्न

REIT यानी Real Estate Investment Trust आम इन्वेस्टर्स को रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करने का मौका देते हैं. इनमें ट्रेडिंग करना भी बेहद आसान है और डिविडेंड से तय रिटर्न मिलता है. आइए जानते हैं क्या है रीट और इसमें कैसे कर सकते हैं इन्वेस्ट...

REIT में पैसे लगाना आसान REIT में पैसे लगाना आसान
सुभाष कुमार सुमन
  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST
  • इन्वेस्टमेंट का अच्छा उपाय है REIT
  • REIT में ट्रेडिंग भी काफी आसान

How to invest in REIT: इन्वेस्टमेंट (Investment) के लिहाज से अभी काफी खराब दौर चल रहा है. शेयर मार्केट (Share Market) रिटर्न देने के बजाय पैसे डूबा रहा है. क्रिप्टो मार्केट (Crypto Market) का तो हाल क्या ही बताया जाए. बैंकों के एफडी रेट (Bank FD Rate) महंगाई दर से भी नीचे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि महंगाई (Inflation) को बीट करने के लिए कहां निवेश किया जाए. रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) को इन्वेस्टमेंट की सेफ्टी के लिहाज से अच्छा माना जाता है, लेकिन यहां समस्या ये आती है कि हर किसी के पास मोटी रकम नहीं है. आज हम आपको इन सभी समस्याओं का निदान बताने जा रहे हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आप 500-100 रुपये लगाकर भी रियल एस्टेट में इन्वेस्ट कर सकते हैं और सबसे अच्छी बात, बैंकों के एफडी रेट से ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं. आइए जानते हैं, यह कैसे संभव है...

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क्या होता है रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट?

रियल एस्टेट सेक्टर को आम इन्वेस्टर्स की पहुंच के दायरे में लाने और सेक्टर के लिए आसानी से नकदी जुटाने के लिए एक उपाय सोचा गया. इस उपाय को रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (Real Estate Investment Trust) यानी रीट (REIT) के नाम से जाना जाता है. अब सबसे पहला सवाल उठता है कि रीट दरअसल होता क्या है? रीट उन कंपनियों को कहा जाता है, जिनके पास इनकम देने वाली अच्छी प्रॉपर्टीज होती हैं. इन प्रॉपर्टीज में मॉल, अस्पताल, ऑफिस स्पेस, होटल आदि शामिल होते हैं. आसान शब्दों में कहें तो रीट एक तरह का म्यूचुअल फंड है, लेकिन यह फंड शेयर मार्केट में पैसे न लगाकर प्रॉपर्टीज में पैसे लगाता है.

कैसे होती है रीट में इन्वेस्टमेंट से कमाई?

अब जानते हैं कि रीट काम कैसे करते हैं? जैसा कि पहले बताया गया है, ये म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की तरह काम करते हैं. रीट आम इन्वेस्टर्स से पैसे जुटाते हैं और तैयार बड़े फंड से ऐसी प्रॉपर्टीज खरीदते हैं, जो अच्छा रेंटल इनकम देने वाले होते हैं. भारत में रीट मुख्य तौर पर ऑफिस स्पेस पर फोकस करते हैं, लेकिन अमेरिकी बाजारों में रीट के लिए वेयरहाउस, मॉल आदि फेवरिट डेस्टिनेशंस हैं. अब रीट को प्रॉपर्टी से जो रेंटल इनकम मिलता है, वह इन्वेस्टर्स को डिविडेंड के रूप में लौटाया जाता है. रीट के लिए यह नियम है कि वह इनकम का 90 फीसदी हिस्सा इन्वेस्टर्स के बीच डिविडेंड के रूप में बांटे. दूसरी ओर प्रमुख रीट शेयर बाजार पर भी लिस्टेड होते हैं और किसी आम कंपनी की तरह इनके भी शेयरों का ट्रेड होता है. अगर इसके भाव बढ़ते हैं, तो इन्वेस्टर्स को इससे भी फायदा होता है.

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सेबी के इस सुधार से आम इन्वेस्टर्स को लाभ

जब भारत में रीट की शुरुआत हुई थी, तब इनके लिए लॉट का साइज 200 यूनिट का था और कुछ समय पहले तक इसमें कम-से-कम 50 हजार रुपये लगाने पड़ते थे. बाद में बाजार नियामक ने इसमें कई सुधार किए. सबसे अहम सुधार खुदरा निवेशकों को ध्यान में रखकर किया गया. खुदरा इन्वेस्टर भी इस उभरती कैटेगरी में उतर सकें, इसके लिए सेबी ने लॉट के साइज को 200 यूनिट से घटाकर 01 यूनिट कर दिया. आईपीओ में मिनिमम इन्वेस्टमेंट की लिमिट भी 50 हजार रुपये से घटाकर 10-15 हजार रुपये कर दी गई. इस सुधार ने रीट को रिटेल इन्वेस्टर्स की पहुंच में ला दिया.

ये हैं भारत 03 रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट

भारत की बात करें तो अभी 03 रीट बाजार में लिस्टेड हैं. पहला नाम आता है ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट (Brookfield India Real Estate Trust) का. इसके एक यूनिट की 52-वीक हाई वैल्यू 337.28 रुपये है. इसी तरह एम्बैसी ऑफिस पार्क्स रीट (Embassy Office Parks REIT) का 52-वीक हाई 394.95 रुपये और माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स रीट (Mindspace Business Parks REIT) का 52-वीक हाई 365 रुपये है. इसका मतलब हुआ कि 400 रुपये से कम रकम के साथ भी रीट की ट्रेडिंग में उतरा जा सकता है.

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कैसे करें रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट में इन्वेस्ट?

रीट में ट्रेड करने के लिए किसी रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं पड़ती है. इसके लिए आपके पास सिर्फ डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए. जैसे आम कंपनियों के शेयरों की खरीद-बिक्री होती है, ठीक वही रीट के मामले में भी होता है. आप किसी भी लिस्टेड रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट की यूनिट को खरीद सकते हैं. रीट में इन्वेस्ट करना कई लिहाज से फायदेमंद है. रीट औसतन 10-12 फीसदी का सालाना रिटर्न दे देते हैं, जो कई बैंकों के एफडी पर मिलने वाले ब्याज का डबल है. दूसरी ओर इसमें पैसे डूबने का रिस्क भी कम है. तीसरा फायदा इन्वेस्टमेंट का ऑलमोस्ट लिक्विड होना है. अचानक कोई जरूरत पड़ने पर सहजता से इससे पैसे बड़े आराम से निकाले जा सकते हैं. अंतिम बात ये कि रीट बहुत सोच-समझकर कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं, जहां रेंटल इनकम की गारंटी होती है. इसका मतलब हुआ कि रीट यूनिट के भाव न भी बढ़ें, तब भी डिविडेंड से अच्छी-खासी कमाई हो जाती है.

(यह आर्टिकल वित्तीय जागरूकता और इन्वेस्टमेंट के माध्यमों के बारे में लोगों को अवगत कराने के लिए है. किसी भी माध्यम में इन्वेस्ट करना रिस्की होता ही है. कहीं कम रिस्क हो सकते हैं, लेकिन एकदम रिस्क न हो, ऐसा नहीं होता है. अत: इसे इन्वेस्टमेंट के लिए सलाह की तरह न समझें. कहीं भी पैसे लगाने से पहले खुद जानकारी जमा करें या किसी एक्सपर्ट की सलाह लें.)

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