Advertisement

BPCL का निजीकरण: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने चौंकाया, बोली में नहीं शामिल हुई कंपनी 

सरकार भारत में दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी और विपणन कंपनी BPCL में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. बीपीसीएल के लिए बोली लगाने के लिए सोमवार 16 नवंबर को अंतिम तिथि थी और सरकार ने इस बार आगे नहीं बढ़ाया है. 

BPCL की बिक्री के लिए बोली की लास्ट डेट खत्म BPCL की बिक्री के लिए बोली की लास्ट डेट खत्म
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 17 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:27 AM IST
  • भारत पेट्रोलियम का निजीकरण कर रही सरकार
  • इसके लिए बिड की लास्ट डेट 16 नवंबर थी
  • इस बिड में रिलायंस ने हिस्सा नहीं लिया है

देश की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज सरकारी तेल कंपनी भारत पेट्रालियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) की बिक्री के लिए लगी प्रारंभिक बोली में शामिल नहीं हुई है. इस कदम से रिलायंस ने सबको चौंका दिया है, क्योंकि उसे इसकी खरीद के लिए तगड़ा दावेदार माना जा रहा था. 

बीत गई लास्ट डेट 

सरकार भारत में दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी और विपणन कंपनी BPCL में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. गौरतलब है कि बीपीसीएल के लिए बोली लगाने के लिए सोमवार 16 नवंबर को अंतिम तिथि थी और सरकार ने इस बार आगे नहीं बढ़ाया है. 

Advertisement

पहले पर्याप्त रुचि न दिखाये जाने की वजह से इसे कई बार बढ़ाना पड़ा था. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सरकार को सोमवार को बीपीसीएल की खरीद के लिए कई बिड हासिल हुए हैं, पर इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल नहीं है. यही नहीं सऊदी अरामको, बीपी और टोटल जैसी दुनिया की दिग्गज तेल कंपनियां भी इसमें शामिल नहीं हुई हैं. 

आए हैं तीन-चार बिड

बीपीसीएल की रणनीतिक ​बिक्री का जिम्मा संभाल रहे निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुषार कांत पांडे ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि बीपीसीएल के लिए कई कंपनियों ने अभिरुचि दिखाई है. इन सबकी जांच के बाद बिक्री की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.

 इसे देखें: आजतक LIVE TV 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. हालांकि किसी ने यह नहीं बताया कि कुल कितने बिड हासिल हुए हैं. कुछ वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इसके बारे में 3-4 बिड हासिल हुए हैं. 

Advertisement

रिलायंस इंडस्ट्रीज अगर बीपीसीएल को खरीदती तो उसकी बाजार हिस्सेदारी में 22 फीसदी का इजाफा होता और वह देश की नंबर एक तेल कंपनी बन जाती. लेकिन उसने न जाने क्यों रुचि ही नहीं दिखाई, जबकि उसे तगड़ा दावेदार माना जा रहा था.  

महंगा सौदा! 

बीएसई पर शुक्रवार को 412.70 रुपये के बंद भाव पर BPCL में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी 47,430 करोड़ रुपये की होती है. साथ ही अधिग्रहणकर्ता कंपनी को जनता से 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाना होगा, जिसकी लागत 23,276 करोड़ रुपये होगी. सूत्रों ने कहा कि BPCL सालाना लगभग 8,000 करोड़ रुपये का लाभ कमाती है और इस गति से निवेशक को बोली की 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वसूलने में 8-9 साल लग जाएंगे. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement