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सेमीकंडक्टर से लेकर हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलीजर्स तक, रिलांयस ने की ये अहम डील 

रिलांयस इंडस्ट्रीज ने जर्मनी की सेमकंडक्टर semiconductor चिप बनाने वाली कंपनी  Nexwafe में निवेश की एक डील की है. इसके अलावा रिलायंस ने Hydrogen electrolysers बनाने वाली डेनमार्क की कंपनी Stiesdal A/S के साथ भी एक डील की है. 

रिलायंस ने दो अहम डील किए (फाइल फोटो) रिलायंस ने दो अहम डील किए (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 13 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST
  • रिलायंस ने दो डील किए
  • नई टेक्नोलॉजी से जुड़ेे सौदे

रिलायंस ने सेमीकंडक्टर (Semiconductor) और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलीजर्स (Hydrogen electrolysers) जैसी न्यू टेक्नोलॉजी में निवेश कर दो अहम डील किए हैं. रिलांयस इंडस्ट्रीज ने जर्मनी की सेमकंडक्टर चिप बनाने वाली कंपनी  Nexwafe में निवेश की एक डील की है. इसके अलावा रिलायंस ने हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलीजर्स बनाने वाली डेनमार्क की कंपनी Stiesdal A/S के साथ भी एक डील की है. 

रिलायंस इंडस्ट्रीज RIL की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (RNESL) जर्मन कंपनी Nexwafe में 2.5 करोड़ यूरो (करीब 218 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी. यह भारतीय बाजार के लिए एक रणनीतिक डील है. Nexwafe उच्च क्षमता वाले मोनोक्रिस्टलाइन सिलिकॉन वेफर्स यानी चिप बनाती है, जो सेमीकंडक्टर के उत्पादन में काफी अहम एलीमेंट होता है. इस निवेश के द्वारा रिलायंस को जर्मन कंपनी में हिस्सेदारी मिलेगी . कंपनी ने मंगलवार को ही स्टॉक एक्सचेंजों को इन सौदों की जानकारी दी है. 

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सेमीकंडक्टर की किल्लत है 

गौरतलब है कि इन दिनों भारत सहित दुनिया भर में सेमीकंडक्टर चिप की काफी किल्लत चल रही है. ये चिप कारों से लेकर तमाम इलेक्ट्रॉनिक सामान तक में इस्तेमाल किए जाते हैं. इनकी कमी से खासकर ऑटो इंडस्ट्री काफी परेशान है, गाड़‍ियों का वेटिंग पीरियड काफी बढ़ गया है. ऐसे में रिलायंस ने यह डील कर एक अहम कदम उठाया है. रिलायंस को इस निवेश के बदले में कंपनी में सीरीज सी के 86,887 शेयर हासिल होंगे.

सोलर एनर्जी की डील 

इसी तरह रिलायंस समूह की एक अन्य कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (RNESL) ने डेनमार्क की कंपनी Stiesdal A/S के साथ हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलीजर्स (Hydrogen electrolysers) की मैन्युफक्चरिंग करने की डील की है. इस सौदे के द्वारा रिलायंस को भारत में electrolysers की मैन्युफक्चरिंग करने का लाइसेंस कंपनी से मिला है. 

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यह भारत में रीन्यूएबल कारोबार के लिहाज से अहम डील है. गौरतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज अब परंपरागत की जगह नवीकरणीय ऊर्जा की ओर अपने कदम बढ़ाने पर फोकस कर रही है. कंपनी अगले दशकों में इसमें अरबों रुपये के निवेश करने वाली है. डेनमार्क की कंपनी Stiesdal जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने वालीटेक्नोलॉजी तैयार करती है. रिलायंस ने साल 2030 तक 100 गीगावॉट रीन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन का लक्ष्य रखा है. 

 

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