
सब्जियों की बढ़ी कीमतों के कारण जुलाई में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) ने 15 महीने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई दर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई है. जून के महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स बेस्ड इन्फ्लेशन 4.87 फीसदी रही थी. वहीं, पिछले साल जुलाई के महीने में 6.71 फीसदी रही थी. जुलाई 2023 से पहले खुदरा महंगाई दर अप्रैल 2022 में सबसे हाई 7.79 फीसदी पर थी. जुलाई में कंज्यूमर फूड इंडेक्स इन्फ्लेशन बढ़कर 11.51 फीसदी पर पहुंच गई. जबकि खाद्य और पेय पदार्थों के बास्केट में मुद्रास्फीति बढ़कर 10.57 फीसदी हो गई. सब्जियों की खुदरा मुद्रास्फीति जून में -0.93 फीसदी थी. जुलाई में ये बढ़कर 37.34 फीसदी हो गई.
कब तक कम होगी महंंगाई?
बिजनेस टुडे के अनुसार, Acuité Ratings & Research के रिसर्च प्रमुख सुमन कुमार चौधरी ने कहा कि हमारी राय में सब्जियों की खेती के छोटे चक्र और सरकार की ओर से कीमतों को कम करने के लिए कुछ कदमों के साथ सब्जियों के भाव का इतना उच्च स्तर नवंबर-दिसंबर 2023 से आगे कायम रहने की संभावना नहीं है. इसलिए, खाद्य मुद्रास्फीति दो से तीन महीनों के बाद कम होने की संभावना है.
रिजर्व बैंक की बढ़ेगी टेंशन
खुदरा महंगाई के ताजा आंकड़ों ने रिजर्व बैंक की टेंशन बढ़ा दी है. लगातार चार महीने तक काबू में रहने के बाद खुदरा महंगाई दर ने एक बार फिर से छलांग लगाई है. जुलाई के महीने में खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य 2-6 फीसदी के आंकड़े को पार कर गई है. बता दें कि हाल ही में संपन्न हुई मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया था. लक्ष्य से ऊपर महंगाई दर के जाने के बाद रिजर्व बैंक पर रेपो रेट में इजाफा करने का दबाव बन सकता है.
थोक महंगाई दर घटी
हालांकि, दूसरी ओर आज ही आए थोक महंगाई दर के आंकड़े राहत के संकेत दे रहे हैं. थोक महंगाई के मोर्चे पर लोगों को जुलाई के महीने में राहत मिली है. होलसेल प्राइस इंडेक्स जुलाई में भी नेगेटिव जोन में बरकार रही. थोक महंगाई दर में -1.36 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. जून के महीने में थोक महंगाई दर -4.12 फीसदी घटी थी. ये लगातार चौथा महीना है, जब फूड प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने के बीच थोक महंगाई दर इंडेक्स शून्य से नीचे है.