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गेहूं-दाल से लेकर सब्जियों तक पर छाई महंगाई... रोजमर्रा के सामानों के और बढ़ेंगे दाम, मुंबई-दिल्ली में रहना मुश्किल!

ICICI सिक्योरिटीज ने एक नोट में लिखा है कि कंपनियां 2024-25 में औसतन कीमत 1 से 3 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं. वहीं नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि FMCG प्रोडक्ट्स की कीमतों के दाम फिर बढ़ सकते हैं.

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आदित्य के. राणा
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2024,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST

सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर (Food Inflation) कंट्रोल में नहीं आ रही है. इसे बढ़ाने में दाल, प्याज, गेहूं, आलू जैसे रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले खाने के सामानों का सबसे बड़ा हाथ है. रिटेल महंगाई दर घटकर पौने 5 फीसदी पर आने के बावजूद खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर 8.69 फीसदी के हाई लेवल पर है, लेकिन हालात आने वाले समय में भी सुधरने के संकेत नहीं दे रहे हैं.

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आसमान पर गेहूं-अरहर के दाम
अरहर दाल की खुदरा कीमत 200 रुपये किलो के पार निकल गई है. निर्यात पर रोक हटने के बाद प्याज भी 40 से 60 रुपये किलो पर पहुंच गई है. गेहूं 2275 रुपये प्रति क्विंटल के MSP के मुकाबले खुले बाजार में 2600 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रहा है. गेहूं के दाम आने वाले दिनों में भी बढ़ने की आशंका है. दरअसल, गेहूं की कमजोर खरीदारी की वजह से सेंट्रल पूल में गेहूं का स्टॉक 299 लाख टन जो पिछले साल जून में 313 लाख टन था, जिससे आने वाले महीनों में गेहूं के दाम बढ़ सकते हैं. रबी की नई फसल के बावजूद मई में गेहूं समेत सभी अनाज की खुदरा कीमत में 8.69 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. 

FMCG कंपनियों ने बढ़ाई कीमत!
देश में बढ़ती महंगाई के बीच रोजमर्रा के सामान बेचने वाली FMCG कंपनियों ने भी आम लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है. बीते दो-तीन महीनों में इन कंपनियों ने फूड और पर्सनल केयर से जुड़े प्रोडक्ट‌्स के दाम में 2 से 17 फीसदी तक का इजाफा किया है. यही नहीं टाटा, डाबर और इमामी जैसी कंपनियों ने संकेत दिए हैं कि वो भी अपने प्रोडक्ट के दाम बढ़ा सकती हैं. कंपनियां इसकी मुख्य वजह कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी को बता रही हैं. 

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एफएमसीजी कंपनियों ने साबुन-बॉडी वॉश के दाम 2 से 9 फीसदी, हेयर ऑयल के 8 से 11 परसेंट और चुनिंदा फूड आइटम्स के 3 से 17 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं. ICICI सिक्योरिटीज ने एक नोट में लिखा है कि कंपनियां 2024-25 में औसतन कीमत 1 से 3 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं. वहीं नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि FMCG प्रोडक्ट्स की कीमतों के दाम फिर बढ़ सकते हैं. 

मुंबई-दिल्ली सबसे महंगे शहर!
महंगाई को लेकर ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंसी मर्सर के एक सर्वे में दावा किया गया है कि दूसरे शहरों से आए लोगों के लिए मुंबई देश के बाकी शहरों के मुकाबले काफी महंगा है. कॉस्ट ऑफ लिविंग 2024 की सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई में पर्सनल केयर, बिजली, यूटिलिटी, ट्रांसपोर्टेशन और किराए का घर लेना महंगा है. देश में सबसे महंगों शहरों में मुंबई, नई दिल्ली और बेंगलुरु शामिल हैं. 

ग्लोबल लेवल पर कॉस्ट ऑफ लिविंग सर्वे में टॉप 5 शहरों की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं है.  इसमें हॉन्ग कॉन्ग पहले नंबर पर है उसके बाद सिंगापुर, ज्यूरिख, जिनेवा, बेसल, बर्न, न्यूयॉर्क सिटी, लंदन, नासाउ और लॉस एंजिल्स शामिल हैं. हालांकि भारत का कोई भी शहर इस सर्वे में दुनिया के टॉप-100 महंगे शहरों में नहीं है जिसकी वजह से भारतीय शहरों की अर्फोडिबिलिटी देसी विदेशी कंपनियों को आकर्षित कर रही है.

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