
देश की खुदरा महंगाई दर जुलाई में नीचे आई है और अब ये भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तय दायरे के भीतर है. खाने-पीने से जुड़ी कई जरूरी चीजों विशेषकर सब्जियों के दाम कम होने से आम आदमी की जेब को राहत मिली है.
इतनी है खुदरा महंगाई दर
सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में देश का रिटेल इन्फ्लेशन रेट (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित) 5.59% रहा है. जबकि जून में 6.26% था. शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई जुलाई में 5.82% रही है जबकि ग्रामीण इलाकों में 5.49%. हालांकि ये जून में क्रमश: 6.37% और 6.16% थी.
RBI के तय दायरे में महंगाई
जुलाई में खुदरा महंगाई दर RBI के तय दायरे में है. RBI की मौद्रिक नीति के हिसाब से देश में महंगाई दर 2 से 4 प्रतिशत के बीच रहनी चाहिए. इसमें 2 प्रतिशत ऊपर या नीचे रहने की छूट दी गई है. RBI अपनी मौद्रिक नीति तय करने में रिटेल इन्फ्लेशन को भी एक आधार मानता है. बीते सप्ताह मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान RBI ने 2021-22 में रिटेल इन्फ्लेशन रेट 5.7% रहने का अनुमान जताया है.
सस्ती हुई सब्जियां, मिली राहत
जुलाई में रिटेल इन्फ्लेशन रेट के नीचे आने की बड़ी वजह कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर का नीचे आना है. जून में फूड प्राइस इंडेक्स बेस्ड महंगाई दर 5.15% थी जो जुलाई 2021 में घटकर 3.96% रह गई.
इतना ही नहीं अगर जुलाई 2020 के आंकड़ों से तुलना की जाए तो अनाज एवं खाद्यान्न की महंगाई दर 1.75% गिरी है. वहीं सब्जियों की महंगाई दर में 7.75% की गिरावट दर्ज की गई है. इसके अलावा बीते साल के मुकाबले चीनी की महंगाई भी 0.52% नीचे आई है.
हालांकि इस साल जुलाई में ईंधन और बिजली के दाम बीते साल के मुकाबले 12.38% महंगे हुए हैं.
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