
उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडटस्ट्रीज लिमिटेड(Reliance Industries Limited) ने चाइना नेशनल ब्लूस्टार (ग्रुप) का REC सोलर होल्डिंग्स एएस (REC ग्रुप) को खरीदने का ऐलान किया है.
RIL की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (RNESL) ने चाइना नेशनल ब्लूस्टार (ग्रुप) से आरईसी ग्रुप की 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है. सौदा 77.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी करीब 5792.64 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज मूल्य पर तय हुआ है.
नॉर्वे में हेडक्वार्टर रखने वाली REC सोलर होल्डिंग्स के पास 446 यूटिलिटी और डिजाइन पेटेंट हैं. इसके पास सिंगापुर में ऑपरेशनल बेस और अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया पैसेफिक में रीजनल हब हैं. RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने जून में अगले तीन वर्षों के दौरान क्लीन एनर्जी में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की जानकारी दी थी.
RIL का फ्यूचर प्लान
रिलायंस कंपनी REC की बेहतरीन तकनीकों का इस्तेमाल जामनगर में बनने वाले धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स में करेगी, जिसकी क्षमता 4 GW प्रति वर्ष से शुरू कर के 10 GW प्रति वर्ष तक बढ़ाने की योजना है. जहां आरईसी के पास बेहतरीन सोलर तकनीक है.
इस अधिग्रहण पर RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, 'मैं आरईसी के अधिग्रहण से बेहद खुश हूं, क्योंकि यह सौर ऊर्जा की असीमित और साल भर मिलने वाली सौर शक्ति का दोहन करने में मदद करेगा. यह अधिग्रहण दशक के अंत से पहले 100 गीगावाट क्लीन और ग्रीन एनर्जी बनाने के रिलायंस के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, नई और एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज और परिचालन क्षमताओं में निवेश करने की हमारी रणनीति के अनुरूप है.'
REC एक मल्टीनेशनल कंपनी
REC के अधिग्रहण से रिलायंस की पहुंच अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के साथ दुनिया भर के सौर ऊर्जा बाजारों में हो जाएगी. क्योंकि रिलायंस के पास बड़े पैमाने पर परियोजना लगाने और उसे उत्कृष्टता से चलाने का दशकों का अनुभव है. आरईसी विश्व स्तर पर एक विश्वसनीय ब्रांड है जो इनोवेशन के लिए जानी जाती है. दुनिया भर में आरईसी में 1,300 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 4,500 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत सोलर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने के लिए बिड देने वाली 19 कंपनियों में भी रिलायंस शामिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य 2030 तक भारत में 450 गीगावाट रिन्युएबल ऊर्जा का उत्पादन है और इसे प्राप्त करने में किसी एकल कंपनी का यह सबसे बड़ा योगदान होगा.