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Rotomac: आपने भी इस पेन से लिखा होगा? बनाने वाली कंपनी पर CBI ने की FIR, 750 करोड़ का फ्रॉड!

Rotomac Bank Fraud: पेन बनाने के कारोबार ने रोटोमैक कंपनी को आसमान पर पहुंचा दिया था. करीब दो दशक तक बाजार में इस कंपनी का दबदबा कायम रहा. फिर इसकी वित्तीय सेहत बिगड़ती चली गई और अब ये 750 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का मामला सामने आया है.

बैंक फ्रॉड के आरोप से धिरी रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी बैंक फ्रॉड के आरोप से धिरी रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

'लिखते-लिखते लव हो जाए...' इस एड को आपने भी बचपन में टीवी पर देखा होगा और इस जिस पैन के लिए ये एड बना उससे लिखा भी होगा. हम बात कर रहे हैं Rotomac Pen की. अब इसे बनाने वाली कंपनी पर 750 करोड़ रुपये के कथित बैंक फ्रॉड का आरोप लगा है. 90 के दशक में इस कंपनी रोटोमैक ग्लोबल की स्थापना हुई थी. धोखाधड़ी का ये मामला इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) से जुड़ा हुआ है. 

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Rotomac पर कुल इतना बकाया

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रोटोमैक ग्लोबल और उसके निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, पेन बनाने वाली कंपनी पर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के गठजोड़ (consortium) का कुल 2,919 करोड़ रुपये का बकाया है. इसमें इंडियन ओवरसीज बैंक का हिस्सा 23 फीसदी है. सीबीआई को बैंक की ओर से मिली शिकायत में आरोप लगाया है कि कंपनी को 28 जून 2012 को 500 करोड़ रुपये की नॉन-फंड बेस्ड क्रेडिट लिमिट की मंजूरी दी गई थी. जबकि, 750.54 करोड़ रुपये की बकाया राशि में चूक के बाद खाते को 30 जून, 2016 को गैर-निष्पादित आस्ति (NPA) घोषित कर दिया गया था.

दस्तावेजों में धांधली हुई उजागर

IOB ने अपनी शिकायत में कहा कि रोटोमैक ग्लोबल की विदेशी व्यापार की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने 11 लेटर ऑफ क्रेडिट (LCs) जारी किए थे, जो 743.63 करोड़ रुपये मूल्य के बराबर हैं. रिपोर्ट की मानें तो बैंक द्वारा किए गए फॉरेंसिक ऑडिट में दस्तावेजों में कथित तौर पर हेरा-फेरी देखने को मिली. इसके अलावा लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए होने वाली देनदारियों का खुलासा न किए जाने के संकेत भी मिले थे. ऑडिट में सेल कॉन्ट्रैक्ट, लदान के बिलों और संबंधित यात्राओं में भी अनियमितताएं पाई गई हैं. बैंक की ओर से कहा गया कि कुल की 92 फीसदी यानी 26,143 करोड़ रुपये की बिक्री एक ही मालिक और समूह के चार पक्षों को की गई.

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गलत तरीके से कमाए 750 करोड़

रोटोमैक पर इंडियन ओवरसीज बैंक की ओर से आरोप लगाया गया कि इन पक्षों को प्रमुख आपूर्तिकर्ता रोटोमैक समूह था. वहीं इन पक्षों की ओर से खरीद करने वाला बंज ग्रुप (Bunge Group) था. Rotomac Group को प्रोडक्ट की बिक्री करने वाला प्रमुख विक्रेता बंज ग्रुप ही था. कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि रोटोमैक ग्लोबल ने कथित रूप से बैंक के साथ धोखाधड़ी की और पैसों का हेर-फेर किया है. इसके चलते कंपनी ने गलत तरीके से 750.54 करोड़ रुपये का लाभ कमाया, जिसकी वसूली नहीं हो सकी है.

कंपनी के निदेशकों पर मामला दर्ज

सीबीआई ने इस मामले में कानपुर स्थित रोटोमैक ग्लोबल, उसके डायरेक्टर्स साधाना कोठारी और राहुल कोठारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के अलावा आपराधिक साजिश (120-बी) और धोखाधड़ी (420) से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. गौरतलब है कि इस कंपनी की स्थापनी विक्रम कोठारी ने की थी. उन्होंने अपने पिता मनसुख कोठारी द्वारा खड़ी की गई पान मसाला कंपनी 'पान पराग' से अलग होकर 90 के दशक कारोबार शुरू किया था. 

 

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