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मोदी सरकार के लेबर कोड के विरोध में RSS के मजदूर संगठन ने ठोकी ताल, आज राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन

भारतीय मजदूर संघ वैसे तो लेबर कोड पारित होने का स्वागत कर रहा है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को लेकर उसका विरोध है. मजदूर संघ इन कोड के कई प्रावधानों को श्रमिक विरोधी मानता है, जैसे हड़ताल का अधिकार खत्म करना, नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों में बदलाव आदि. 

मजदूर संघ का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन (फाइल फोटो) मजदूर संघ का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन (फाइल फोटो)
aajtak.in
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  • 28 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:30 AM IST
  • लेबर कोड के कई बदलावों से खफा है BMS
  • यह आरएसएस का मजदूर संगठन है
  • देशभर में संगठन कर रहा विरोध प्रदर्शन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ (BMS) मोदी सरकार के नए लेबर कोड के विरोध में आज यानी बुधवार को देशभर में प्रदर्शन करेगा. सरकार ने तीन नए लेबर कोड लाकर दर्जनों श्रम कानूनों में बदलाव कर दिया है. 

भारतीय मजदूर संघ वैसे तो लेबर कोड पारित होने का स्वागत कर रहा है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को लेकर उसका विरोध है. मजदूर संघ इन कोड के कई प्रावधानों को श्रमिक विरोधी मानता है, जैसे हड़ताल का अधिकार खत्म करना, नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों में बदलाव आदि. 

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भारतीय मजदूर संघ के उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री सचिव पवन कुमार ने Aajtak.in को बताया, 'तीन नए लेबर कोड के कई प्रावधानों के खिलाफ भारतीय मजूदर संघ आज राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने जा रहा है. यह प्रदर्शन सभी जिला मुख्यालयों पर किया जाएगा. राजधानी दिल्ली में संगठन श्रम मंत्रालय के सामने प्रदर्शन करेगा.' 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने पहले ही यह चेतावनी दी थी कि यदि सरकार ने उसकी मांगें नहीं मानी तो 28 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा. 

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श्रम कानूनों में हुए बदलाव 

मॉनसून सत्र में संसद ने तीन श्रम संहिता विधेयक पारित किए थे: औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्तें संहिता. इसके अलावा मजदूरी संहिता विधेयक, 2019 पिछले साल संसद द्वारा पारित किया गया था. 

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बीएमएस ने किया था ये निर्णय 

भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महासचिव बिनय कुमार सिन्हा ने इस महीने की शुरुआत में बताया था, 'हाल में बीएमस के 19वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल तरीके से किया गया है. इसमें यह तय हुआ है कि नए लेबर कोड के श्रमिक विरोधी प्रावधानों के खिलाफ लगातार राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाए. सम्मेलन में एक प्रमुख प्रस्ताव यह पारित हुआ है कि सरकार से यह मांग की जाए कि वह नए लेबर कोड से श्रमिक विरोधी प्रावधानों को तत्काल हटाये.' 

चेतावनी सप्ताह का आयोजन 

भारतीय मजदूर संघ ने 10 से 16 अक्टूबर तक 'चेतावनी सप्ताह' का आयोजन किया था. सिन्हा ने कहा था, 'सरकार यदि श्रमिकों की आवाज को सुनने को तैयार नहीं होती तो हम लगातार विरोध प्रदर्शन करेंगे. हड़ताल और अन्य श्रमिक अधिकारों को बचाने के लिए देशभर में प्रदर्शन किया जा सकता है.' 

 

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