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'डॉलर के मुकाबले दुनिया की बाकी मुद्राओं से रुपया मजबूत,' बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि यदि कोई एक मुद्रा है, जो अन्य मुद्राओं की तुलना में उतार-चढ़ाव या अस्थिरता से बची हुई है तो वह भारतीय रुपया है. हम अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बहुत अच्छी स्थिति में खड़े रहे. अपने प्रतिस्पर्धियों के बीच रुपये ने बहुत अच्छी पकड़ बनाई है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुणे में पत्रकारों से बातचीत की. (फाइल फोटो- बंदीप सिंह) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुणे में पत्रकारों से बातचीत की. (फाइल फोटो- बंदीप सिंह)
aajtak.in
  • पुणे,
  • 24 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST

डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार कमजोर होने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि दुनिया की बाकी मुद्राओं की तुलना में रुपया अधिक मजबूती से खड़ा रहा है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया काफी मजबूत देखा जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि यदि कोई एक मुद्रा है, जो अन्य मुद्राओं की तुलना में उतार-चढ़ाव या अस्थिरता से बची हुई है तो वह भारतीय रुपया है. हम अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बहुत अच्छी स्थिति में खड़े रहे. अपने प्रतिस्पर्धियों के बीच रुपये ने बहुत अच्छी पकड़ बनाई है. उन्होंने कहा कि अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये ने 'बहुत अच्छी तरह से वापसी भी की है. 

डॉलर के मुकाबले रुपया 81 रुपए के करीब पहुंचा

बता दें कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 81 रुपये के करीब पहुंच गया है. पिछले कुछ महीनों में रुपये की कीमत में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. इसे लेकर अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं. शुक्रवार को 83 पैसे की गिरावट हुई, जिसे पिछले सात महीने में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट मानी गई है. इससे पहले अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे गिरा था और 80.98 के निचले स्तर पर पहुंच गया था.

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हर रोज बन रहा है रुपये के गिरने का रिकॉर्ड

अमेरिका में ब्याज दरें लगातार बढ़ (US Rate Hike) रही हैं. इस सप्ताह अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार ब्याज दर में 0.75 फीसदी की भारी-भरकम बढ़ोतरी की. दरें बढ़ने की रफ्तार में सुस्ती नहीं आने का संकेत मिलने से दुनिया भर की करेंसीज डॉलर के मुकाबले तेजी से गिर रही हैं. फेडरल रिजर्व का संकेत मिलने के बाद इन्वेस्टर्स दुनिया भर के बाजरों से पैसे निकाल रहे हैं और सुरक्षा के लिहाज से अमेरिकी डॉलर में अपना इन्वेस्टमेंट झोंक रहे हैं. इस कारण भारतीय मुद्रा 'रुपया (INR)' समेत तमाम अन्य करेंसीज के लिए ये सबसे खराब दौर चल रहा है.

 

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