
फ्लिपकार्ट (Flipkart) के पूर्व को-फाउंडर सचिन बंसल (Sachin Bansal) भारत के सेल्फ मेड अरबपति हैं. सचिन अपने फ्लैट से ही अरबों डॉलर की बिजेनस वाली कंपनी को खड़ा किया था. साल 2018 में फ्लिपकार्ट की वैल्यूएशन 20.8 अरब डॉलर थी. साल 2018 में सचिन बंसल ने फ्लिपकार्ट में अपनी 5.5 फीसदी की ओपनरशिप हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया था. कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में पद छोड़ने के बाद सचिन बंसल कार्यकारी चेयरमैन के रूप में नवी ग्रुप में शामिल हो गए. रिपोर्ट्स के अनुसार, बंसल ने नवी ग्रुप में करीब 4,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
भारतीय ई-कॉमर्स के विस्तार में बड़ी भूमिका
पांच अगस्त 1981 को चंडीगढ़ में जन्मे सचिन की शुरुआत साधारण रही. लेकिन अपने जोरदार आइडिया के दम पर उन्होंने भारतीय ई-कॉमर्स के फेस को नया आकार देने तक एक लंबा सफर तय किया है. सचिन बंसल के शुरुआत से ही इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के प्रति गहरा लगाव था और सचिन का ये लगाव आईआईटी दिल्ली में जुनून में बदला और इस संस्थान ने उनकी प्रतिभा को जमकर निखारा. आईआईटी दिल्ली से सचिन ने कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. इसके बाद कुछ नया और अलग करने के लिए मार्केट में कूद गए.
सचिन और बिन्नी बंसल ने रखी फ्लिपकार्ट की नींव
साल 2007 में सचिन ने अपने दोस्त बिन्नी बंसल के साथ ऑनलाइन बुक शॉप फ्लिपकार्ट की शुरुआत और अपने फ्लैट से बिजेनस को ऑपरेट करना शुरू कर दिया. फ्लिपकार्ट की शुरुआत करने से पहले बिन्नी बंसल ने 9 महीने तक अमेजन के लिए काम किया था. जब बिन्नी बंसल और उनके बिजनेस पार्टनर सचिन बंसल के मन में पहली बार एक अमेजन जैसा सर्च इंजन बनाने का ख्याल आया, तब भारत में बहुत अधिक ई-कॉमर्स की गतिविधियां नहीं थीं.
बिन्नी ने मौका भांपा, रिस्क लिया और साल 2007 में अमेजन की नौकरी छोड़ दी. फिर सचिन के साथ मिलकर उन्होंने फ्लिपकार्ट नाम से एक ऑनलाइन रिटेल की नींव रखी. सचिन बंसल और बिन्नी बंसल की पहली मुलाकात आईआईटी दिल्ली में हुई थी और फिर यहां से पास आउट होने के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए थे.
2 बेडरूम वाले अपार्टमेंट से शुरुआत
फ्लिपकार्ट ने पहले किताब बेचना शुरू किया था और उसके बाद म्यूजिक, फिल्म, गेम और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बेचने का काम शुरू किया. इसने पहली बार जॉन वुड की लिविंग माइक्रोसॉफ्ट टू चेंज द वर्ल्ड किताब बेची थी. फ्लिपकार्ट की शुरुआत बेंगलुरु स्थित 2 बेडरूम वाले एक अपार्टमेंट से हुई. इसके बाद 2008 में दिल्ली में कई ऑफिस खोले गए और 2009 में मुंबई में कंपनी का ऑफिस खुला था.
ग्राहकों को लुभाने के लिए कई ऑप्शन शुरू किए
भारत में अपना विस्तार करने के बाद साल 2011 में सिंगापुर में भी कंपनी ने कदम रखा, जिससे कि विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके. पहले सचिन बंसल नौ साल के लिए कंपनी के सीईओ थे. लेकिन 2016 में बिन्नी ने सीईओ का कार्यभार संभाला और सचिन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बन गए. फ्लिपकार्ट ने अपने ग्राहकों की संख्या में इजाफा करने के लिए कैश ऑन डिलिवरी का ऑप्शन शुरू किया था. इसके अलावा कंपनी ने ईएमआई, एक्सचेंज ऑफर जैसे ऑप्शन देकर बड़े ग्राहकों को खूब लुभाया.
हिस्सेदारी बेचकर मिली इतनी रकम
साल 2018 में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट का 16 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण कर लिया. तब इसे दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन ई-कॉमर्स अधिग्रहण कहा गया था. सचिन बंसल ने अपनी माइनॉरिटी स्टेक एक बिलियन डॉलर में बेची थी. फोर्ब्स के अनुसार, सचिन बंसल की कुल संपत्ति 1.3 बिलियन डॉलर (1,06,20,05,10,000 रुपये) है.