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Salary News: मत पालो उम्मीदें... सैलरी बढ़ने को लेकर आ गई ये खबर, जानिए झटका क्यों?

Salary Hike Survey: इस साल केवल 61 फीसदी CFOs ने ही वेतन बढ़ाने की योजना बनाई है, यानी हर साल सैलरी इंक्रीमेंट रेट घट रहा है, जिससे कर्मचारियों की इनकम पर सीधा असर पड़ सकता है. 

Salary Hike Survey (Photo: AI) Salary Hike Survey (Photo: AI)
आदित्य के. राणा
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:40 AM IST

इस साल कर्मचारियों की सैलरी में इजाफे की उम्मीदें कमजोर पड़ रही हैं. ये दावा दुनिया भर में चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर्स पर किए गए एक सर्वे के बाद किया गया है. इसमें खुलासा हुआ है कि बीते 2 साल से इसकी वजह है कि कर्मचारियों की औसत सैलरी बढ़ाने की योजना बनाने वाले CFOs की संख्या में कमी आ रही है. 

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गार्टनर की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में जहां 86 फीसदी ग्लोबल CFOs ने वेतन बढ़ोतरी की योजना बनाई थी. वहीं 2024 में ये आंकड़ा घटकर 71 परसेंट होने के बाद इस साल केवल 61 फीसदी CFOs ने ही वेतन बढ़ाने की योजना बनाई है, यानी हर साल सैलरी इंक्रीमेंट रेट घट रहा है, जिससे कर्मचारियों की इनकम पर सीधा असर पड़ सकता है. 

टेक्नोलॉजी पर ज्यादा निवेश

इस रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों के CFOs इस साल टेक्नोलॉजी बजट में बड़ा इजाफा करने की योजना बना रहे हैं. वो डिजिटल इन्वेस्टमेंट को ग्रोथ और एफिशिएंसी बढ़ाने का एक अहम जरिया मान रहे हैं और 77 फीसदी CFOs टेक्नोलॉजी बजट बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, इनमें से 47 परसेंट CFOs टेक्नोलॉजी बजट को 10 फीसदी या ज्यादा बढ़ाएंगे. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि टेक्नोलॉजी सेक्टर में बढ़ता निवेश बिजनेस ग्रोथ (Business Growth) और एफिशिएंसी को मजबूत करने के लिए किया जा रहा है. खासतौर पर जनरेटिव AI और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसी नई तकनीकों पर कंपनियों का खास फोकस है. 

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गार्टनर के मुताबिक, टेक्नोलॉजी में निवेश अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि कंपनियों के लिए एक जरूरत बन गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वेतन बढ़ाने की योजना में गिरावट की वजह ये भी है कि ग्लोबल लेबर मार्केट ठंडा पड़ता जा रहा है. ऐसे में कंपनियां वेतन को लेकर ज्यादा मोलभाव कर सकती हैं. 

महंगाई भी बड़ी चुनौती

लेकिन बढ़ती महंगाई की वजह से कर्मचारियों के लिए ये मुश्किल दौर साबित हो सकता है, और नौकरी बदलने की दर और EMPLOYEE SATISFACTION पर असर पड़ सकता है. 2025 में करीब सभी सेक्टर्स में टेक्नोलॉजी इन्वेस्टमेंट को प्राथमिकता दी जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक रिटेल सेक्टर में प्रोडक्ट क्वालिटी सुधारने और ग्राहक इंटरैक्शन बढ़ाने के लिए कंपनियां लागत बढ़ा रही हैं. 

जबकि बैंकिंग सेक्टर में तकनीकी प्रतिभाओं को आकर्षित करने और गैर-जरूरी कामों को आउटसोर्स करने के लिए सैलरी और एक्सटर्नल सर्विसेज पर फोकस किया जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि टेक्नोलॉजी बजट में बढ़ोतरी का ये ट्रेंड पिछले कुछ बरसों से लगातार जारी है. बीते साल 50 फीसदी CFOs ने 10 परसेंट या ज्यादा का टेक्नोलॉजी बजट बढ़ाने की योजना बनाई थी. जबकि 2023 में ये आंकड़ा 43 फीसदी था. 2025 में 47 परसेंट CFOs ऐसा करने की योजना बना रहे हैं. 

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इस ट्रेंड से साफ है कि कंपनियां ग्रोथ और एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी पर फोकस कर रही हैं, लेकिन कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने को लेकर उनका रुख सख्त होता जा रहा है. 

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