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House Construction Cost: कुछ दिन और सस्ते मिलेंगे ईंट-सरिया, बारिश होते ही कीमतों में लगेगी आग

फिलहाल सरिया (Saria), सीमेंट (Cement) जैसी सामग्रियों की कीमतों में नरमी आई है. इस महीने के पहले सप्ताह तक सरिया और सीमेंट के भाव लगातार गिरे. सरिया के मामले में तो भाव करीब-करीब आधे हो गए थे. सरिया के भाव में आई इस बड़ी गिरावट से बाजार में डिमांड आ रही है.

बढ़ने लगा सरिये का भाव बढ़ने लगा सरिये का भाव
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:53 PM IST
  • बारिश के मौसम में बढ़ जाते हैं सामग्रियों के दाम
  • इस महीने से महंगा होने लग गया है सरिया

अपने मकान का सपना (Home Construction) पूरा करने के लिए अभी सबसे सही समय है. अगर आप भी अपना मकान बनाने की योजना बना रहे हैं तो अब इसमें और देरी न करें. अभी भले ही सरिया (Saria Rate) समेत अन्य भवन निर्माण सामग्रियों के भाव (Building Materials Prices) नीचे आए हुए हैं, लेकिन ऐसी स्थिति बहुत दिनों तक नहीं रहने वाली है. बारिश का मौसम शुरू होते ही ईंट और रेत जैसी सामग्रियों के दाम बढ़ जाएंगे. सरिया पहले ही महंगा होने लगा है और सिर्फ इसी महीने इसके रेट कुछ जगहों पर 4 हजार रुपये टन तक ऊपर चढ़े हैं.

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कम कीमत पर डिमांड ने बढ़ाया सरिये का भाव

इस साल मार्च-अप्रैल में भवन निर्माण सामग्रियों की कीमतें अपने चरम पर थीं. उसके बाद सरिया (Saria), सीमेंट (Cement) जैसी सामग्रियों की कीमतों में तेजी से नरमी आई. इस महीने के पहले सप्ताह तक सरिया और सीमेंट के भाव लगातार गिरे. सरिया के मामले में तो भाव करीब-करीब आधे हो गए थे. सरिया के भाव में आई इस बड़ी गिरावट से बाजार में डिमांड आ रही है. ट्रेडर्स का कहना है कि भवन निर्माण सामग्रियों की कीमतें कम होने का फायदा उठाकर लोग मकान बनाने का काम शुरू करवा रहे हैं. इससे सरिया समेत सभी सामग्रियों की डिमांड आ रही है. इसी डिमांड से इनके दाम बढ़ने लगे हैं. इसके अलावा इन सामग्रियों के दाम बढ़ने के पीछे मानसून भी एक फैक्टर है. बारिश का मौसम शुरू होते ही नदियां लबालब भर जाती हैं, जिससे बालू की किल्लत हो जाती है. वहीं बारिश के कारण ईंट का उत्पादन प्रभावित हो जाता है. बारिश के मौसम में इन सामग्रियों के दाम स्वाभाविक तौर पर बढ़ते ही हैं.

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5000 रुपये चढ़ा सरिये का औसत भाव

सरिया अभी भी दो-तीन महीने पहले की तुलना में करीब आधा ही है. मार्च में कुछ जगहों पर सरिये का भाव 85 हजार रुपये टन तक पहुंच गया था. अभी यह शहर के हिसाब से 47,200 रुपये से लेकर 58,000 रुपये प्रति टन तक के भाव में मिल रहा है. इस महीने के पहले सप्ताह में तो यह कम होकर कई जगहों पर 44 हजार रुपये टन के पास आ गया था. सिर्फ लोकल ही नहीं बल्कि ब्रांडेड सरिये का भाव भी पिछले कुछ महीनों में काफी कम हुआ था. ब्रांडेड सरिये का भाव कम होकर इस महीने की शुरुआत में 80-85 हजार रुपये प्रति टन तक आ गया था, जो मार्च 2022 में 01 लाख रुपये प्रति टन के पास पहुंच गया था. इस चार्ट में देखिए सरिये का औसत भाव कैसे कम-ज्यादा हुआ है...

सरिया की औसत खुदरा कीमत (रुपये प्रति टन):

नवंबर 2021 :    70,000
दिसंबर 2021 :    75,000
जनवरी 2022 :    78,000
फरवरी 2022 :    82,000
मार्च 2022 :        83,000
अप्रैल 2022 :    78,000
मई 2022 (शुरुआत) :    71,000
मई 2022 (अंत):           63,000
जून 2022 (शुरुआत):    50,000
जून 2022 (अंत):           55000

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अब इस चार्ट में देखिए कि भारत के प्रमुख शहरों में अभी सरिये का क्या रेट चल रहा है. आयरनमार्ट (ayronmart) वेबसाइट सरिये की कीमतों की घट-बढ़ पर नजर रखती है और उसी आधार पर कीमतों को अपडेट करती है. इससे यह बात भी पता चलेगी कि जून महीने के पहले सप्ताह की तुलना में कुछ शहरों में सरिये के भाव कितने बढ़े हैं. सभी कीमतें रुपये प्रति टन में हैं.

शहर (राज्य)                 04 जून             25 जून

दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल):      45,300    47,200 (+1900)
कोलकाता (पश्चिम बंगाल):  45,800     47,700 (+1900)
रायगढ़ (छत्तीसगढ़):          48,700    51,200 (+2500)
राउरकेला (ओडिशा):        50,000    52,200 (+2200)
नागपुर (महाराष्ट्र):             51,000    52,800 (+1800)
हैदराबाद (तेलंगाना):         52,000    55,000 (+3000)
जयपुर (राजस्थान):           52,200    55,500 (+2300)
भावनगर (गुजरात):          52,700    56,000 (+3700)
मुजफ्फरनगर (UP):        52,900    54,500 (+1600)
गाजियाबाद (UP):           53,000    55,300 (+2300)
इंदौर (मध्य प्रदेश):           53,500    54,700 (+1200)
गोवा:                             53,800    56,300 (+2500)
जालना (महाराष्ट्र):            54,000    54,400 (+400)
मंडी गोविंदगढ़ (पंजाब):    54,300    56,000 (+1700)
चेन्नई (तमिलनाडु):           55,000    55,500 (+500)
दिल्ली:                          55,000    56,700 (+1700)
मुंबई (महाराष्ट्र):              55,200    53,100 (+900)
कानपुर (उत्तर प्रदेश):     57,000    58,000 (+1000)

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