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House Construction Tips: बिल्डर के बजाय खुद से बनवाएं घर, बचेंगे पैसे, मकान भी मजबूत

अपना घर बनवाना (House Construction) कोई मामूली बात नहीं है. गांव में भी घर बनवाने का खर्च लाखों में आता है. ऊपर से इसमें कई महीनों का समय लगता है. बदलती जरूरतों के हिसाब से बाजार में भी बदलाव आते रहते हैं. समय की कमी की समस्या ने बिल्डरों के लिए बिजनेस के मौके खोले हैं. हालांकि इसके अपने नुकसान भी हैं.

खुद से घर बनवाना फायदेमंद खुद से घर बनवाना फायदेमंद
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:41 AM IST

ज्यादातर लोगों के लिए 'अपना घर' सपना होता है. कुछ लोग बना-बनाया अपार्टमेंट/फ्लैट खरीदना पसंद करते हैं, वहीं काफी सारे ऐसे लोग भी हैं, जो प्लॉट लेकर घर बनाना पसंद करते हैं. हर किसी के लिए ड्रीम होम (Dream Home) न सिर्फ भावनात्मक मसला है, बल्कि यह कई आजादियां भी देता है. अपना घर बनवाना (House Construction) कोई मामूली बात नहीं है. गांव में भी घर बनवाने का खर्च लाखों में आता है. ऊपर से इसमें कई महीनों का समय लगता है. बदलती जरूरतों के हिसाब से बाजार में भी बदलाव आते रहते हैं. समय की कमी की समस्या ने बिल्डरों के लिए बिजनेस के मौके खोले हैं. बिल्डर को ठेका देकर घर बनवाने का प्रैक्टिस काफी आम हो चला है. इससे आपका समय तो बचता ही है, लेबर से लेकर मिस्त्री का प्रबंध करने और सारी सामग्रियों का इंतजाम करने के झंझट से मुक्ति मिल जाती है. हालांकि इसके अपने नुकसान भी हैं. आज हम इन्हीं नफा-नुकसानों पर चर्चा करने वाले हैं...

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बिल्डरों से घर बनवाने के नफा-नुकसान

सबसे पहले बिल्डर से घर बनवाने के नफा-नुकसान जान लेते हैं. बिल्डर को घर बनवाने का ठेका देकर आप निश्चिंत हो जाते हैं. आपको किसी भी बात की चिंता नहीं होती है और आप आराम से अपनी नौकरी या बिजनेस पर ध्यान दे पाते हैं. बिल्डर खुद ही सीमेंट से लेकर सरिया तक खरीदते हैं, उन्हें दुकान से कंस्ट्रक्शन साइट तक लाने का प्रबंध करते हैं. घर बनाने वाले कारीगरों से लेकर मजदूरों तक इंतजाम करना बिल्डर का काम होता है. आपको बस समय-समय पर फॉलो-अप लेते रहना होता है. चूंकि बिल्डर प्रोफेशनल होते हैं, तो उनका बनाया घर सुंदर और सुडौल भी लगता है. हालांकि बिल्डरों से घर बनवाने के कई नुकसान भी हैं.

क्वालिटी से समझौता कर देते हैं बिल्डर

बिल्डरों के बनाए घर में सबसे बड़ी शिकायत क्वालिटी को लेकर आती है. बिल्डर पैसे बचाने के लिए सामग्रियों में क्वालिटी से समझौता कर लेते हैं, जिसका सीधा असर घर की मजबूती पर पड़ता है. अगर खराब क्वालिटी का सीमेंट यूज हुआ या मसाले में सीमेंट की मात्रा कम हुई तो मकान कमजोर बनेगा. इसी तरह अगर सरिये का पर्याप्त इस्तेमाल नहीं हुआ तो यह भी मकान को कमजोर करेगा. बिल्डर फिनिशिंग के मामले में भी मजबूती के बजाय लुक पर जोर देते हैं. उन्हें घर की मजबूती से मतलब नहीं होता, बस घर दिखने में सुंदर होना चाहिए. इस कारण क्वालिटी के बजाय फैन्सी दिखने वाले सस्ते सामानों का इस्तेमाल किया जाता है, जो बाद में आपके लिए सिरदर्द का कारण बनता है.

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मान लीजिए कि प्लम्बिंग या बिजली के काम में क्वालिटी से समझौता किया गया तो आप कभी बाथरूम में पानी भरने से परेशान होंगे, कभी पाइप फटने या पानी लीक होने से. इसी तरह सस्ते वायर और स्विच-प्लग आदि का इस्तेमाल होने से घर में आग लगने तक का खतरा बना रहता है. इन कारणों से खुद से ही घर बनवाना बेहतर साबित होता है.

खुद से घर बनवाने के ये फायदे

अगर आप खुद से घर बनवाते हैं तो निश्चित ही सामानों की क्वालिटी और घर की मजबूती से समझौता नहीं करेंगे. घर बनवाते समय अगर कुछ उपायों पर गौर किया जाए तो ठीक-ठाक बचत की जा सकती है. सस्ता घर बनाने के कुछ टिप्स (Home Construction Tips) बड़े कारगर साबित होते हैं. इसमें मजबूती से कोई समझौता भी नहीं होता है और पैसे भी बच जाते हैं. बस आपको थोड़ा समय देना पड़ता है, रिसर्च करना पड़ता है, लेकिन अंत में इसके परिणाम बेहतर साबित होते हैं. कम सरिये का इस्तेमाल करने वाला डिजाइन चुनने से लाखों की बचत हो जाती है. इसके अलावा भी कुछ अन्य उपाय हैं, जैसे- नॉर्मल ईंट की जगह फ्लाई-ऐश ईंट (Fly Aish Bricks) का इस्तेमाल, लकड़ी के बजाए कंक्रीट की चौखट, शीशम-सागवान के बजाय सस्ती लकड़ियों का इस्तेमाल आदि.

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इन टिप्स को अपनाकर बचा सकते हैं पैसे

अगर आप सामान्य ईंट की तुलना में फ्लाई ऐश ईंट का इस्तेमाल करते हैं तो यह प्रति यूनिट 4-5 रुपये की बचत कराता है. इसका मतलब हुआ कि ईंट का खर्च लगभग आधा रह जाता है. फ्लाई ऐश ईंट का एक और फायदा ये है कि इनके ऊपर प्लास्टर कराने की जरूरत नहीं होती है. इनके ऊपर सीधे पुट्टी चढ़ाकर पेंट किया जा सकता है. इस तरह से प्लास्टर का और लेबर का दोनों खर्च बचता है. खर्च कम करने का एक अन्य उपाय वर्गाकार निर्माण करना है.

एक तल्ले का घर बनाने में करीब 5 हजार ईंट लगते हैं. सामान्य ईंट खरीदने पर खर्च करीब 50 हजार रुपये होगा, जबकि फ्लाई ऐश के मामले में यह महज 25 हजार रुपये रह जाएगा. इसका मतलब हुआ कि आपने ईंट में भी 25 हजार रुपये बचा लिए. चूंकि इन टिप्स को अपनाने पर प्लास्टर से लेकर बीम-कॉलम तक की जरूरत नहीं है तो सीमेंट और सरिये के अलावा रेत का भी कम इस्तेमाल होता है. अगर सामान्य तरीके से घर बनाने पर आपके 75 हजार रुपये रेत पर खर्च हो रहे थे, तो इन टिप्स को अपनाने पर यह खर्च करीब 50 हजार रुपये रह जाएगा. यानी रेत के मामले में भी 25 हजार रुपये की बचत हो रही है.

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खुद से घर बनवा कर बचा सकते हैं लाखों

अन्य खर्चों की बात करें तो पत्थर पर करीब 40 हजार रुपये, टाइल्स पर करीब 50 हजार रुपये, पुट्टी-पेटिंग पर 25 हजार रुपये और खिड़की, दरवाजे, बिजली व पल्म्बिंग के काम पर 1.15 लाख रुपये खर्च होंगे. इनमें भी बचत की गुंजाइश है. टॉयलेट-बाथरूम साथ में बनवाने पर ईंट से लेकर सीमेंट और रेत तक की बचत होती है, साथ ही स्पेस भी कम यूज होता है.

मार्बल की जगह सिरेमिक टाइल्स यूज कर बचत कर सकते हैं. इस तरह लेबर कॉस्ट से लेकर अन्य खर्चों में आई कमी को देखें तो आप इन टिप्स को अपनाकर आराम से लाख रुपये से ज्यादा की बचत कर सकते हैं. वहीं घर की मजबूती के मामले में भी आपको कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा. इन बातों को ध्यान में रखेंगे तो आपके सपनों का घर सालों-साल तक आपको सुकून देता रहेगा.

 

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