
सऊदी अरब का सॉवरेन यानी सरकारी पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड (PIF) रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो प्लेटफॉर्म्स में फिर 1 अरब डॉलर (करीब 7500 करोड़ रुपये) का निवेश कर सकता है.
गौरतलब है कि PIF पहले भी जियो प्लेटफॉर्म्स में करीब 1 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है. अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि दोनों पक्षों के बीच इस बारे में बातचीत चल रही है. हालांकि दोनों ने अभी इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है.
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खाड़ी देशों से आया मोटा निवेश
पीआईएफ से पहले इसकी प्रतिद्वंद्वी अबूधाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) ने रिलायंस से उसके फाइबर कारोबार में 1 अरब डॉलर के निवेश के लिए बातचीत शुरू कर चुकी है. इसे देखते हुए पीआईएफ भी रिलायंस में अपना निवेश बढ़ाने का मन बना चुका है. खाड़ी देशों के इन दोनों फंड ने रिलायंस प्लेटफॉर्म्स में करीब 2.2 अरब डॉलर का निवेश किया है.
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान करीब 3 महीने के भीतर रिलायंस ने अपनी सहयोगी कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स के लिए दुनिया के 13 निवेशकों से करीब लाख करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया है. दुनिया के कई दिग्गज फंड और कंपनियां रिलायंस में निवेश कर मुनाफा कमाना चाहती हैं.
पीआईएफ के साथ यह डील हुई तो सऊदी सरकार और रिलायंस के बीच रिश्ते और मजबूत हो जाएंगे. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपनी रणनीतिक साझेदारी बढ़ाना चाहते हैं.
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करीब 1.52 लाख करोड़ का निवेश
तीन महीने में रिलायंस जियो में करीब एक दर्जन से ज्यादा सौदों में 152,056 करोड़ रुपये का निवेश का ऐलान किया गया है. इन सौदों के द्वारा रिलायंस ने जियो प्लेटफॉर्म्स की करीब 33 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी कंपनियों को बेच दी है. इनमें सबसे बड़े निवेशक फेसबुक और गूगल हैं जिन्हें क्रमश: 9.99 फीसदी और 7.73 फीसदी हिस्सेदारी मिली है. करीब 3 महीनों में जिन कंपनियों ने जियो प्लेटफॉर्म में निवेश किया है उनमें फेसबुक, गूगल सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल एटलांटिक, केकेआर, मुबाडला, एडीआईए, टीपीजी, एल कैटेरटन और पीआईएफ, क्वालकॉम और इंटेल शामिल हैं.