
''म्यूचुअल फंड्स बैंक की तरह व्यवहार न करें. म्यूचुअल फंड को यह याद रखना चाहिए कि निवेश और उधार देने में अंतर है. उन्हें निवेशकों के हितों की रक्षा करनी चाहिए.'' ये सख्त बयान शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी प्रमुख अजय त्यागी ने दिए हैं. अजय त्यागी ने कहा, ‘‘डेट म्यूचुअल फंड बैंक नहीं है और उन्हें उनकी तरह बर्ताव नहीं करना चाहिए.’’ अजय त्यागी ने ये बयान ऐसे समय में दिया है जब डेट म्यूचुअल फंड में जोखिम बढ़ने और निवेशकों को नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है.
क्या होता है डेट फंड
दरअसल, म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से तीन तरह के होते हैं- इक्विटी फंड, डेट फंड और हाइब्रिड फंड. डेट फंड को निवेश का सुरक्षित साधन माना जाता रहा है. इन म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आपका पैसा डेट साधनों यानी बॉन्ड आदि में लगाया जाता है. डेट फंड में ऐसे लोग निवेश करते हैं जो सुरक्षित रिटर्न चाहते हैंं. इसमें कम जोखिम होता है और कम रिटर्न मिलता है.
स्मॉल कैप में निवेश को मजबूर नहीं किया जा रहा
इसके साथ ही सेबी प्रमुख अजय त्यागी ने कहा कि किसी को भी स्मॉल कैप में निवेश के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि निवेश हमेशा निवेशकों के हित में होना चाहिए. सेबी प्रमुख ने कहा कि मल्टी-कैप म्यूचुअल फंड योजनाओं को अपने नाम के अनुरूप होना चाहिए, यानी निवेशकों को योजना के तहत किए जा रहे निवेश की सही जानकारी होनी चाहिए.
25 प्रतिशत निवेश की लिमिट
दरअसल, सेबी ने इस महीने की शुरुआत में मल्टी कैप फंडों को निर्देश दिया था कि वे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में से प्रत्येक में कम से कम 25 प्रतिशत निवेश करें. इस फैसले से म्यूचुअल फंड उद्योग और फंड प्रबंधकों की चिंता बढ़ गई है. अनुमान है कि इस फैसले से लार्जकैप शेयरों से मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों के शेयरों को 30,000-40,000 करोड़ रुपये मिलेंगे. इससे पहले निवेश की सीमा को लेकर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं था.
अजय त्यागी ने कहा कि म्यूचुअल फंड योजनाओं के अनुचित वर्गीकरण से भ्रम और गलत बिक्री होगी. सेबी को मल्टी-कैप योजनाओं के बारे में एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) से कुछ सुझाव मिले हैं और नियामक उन पर विचार करेगा. बाजार के बारे में त्यागी ने कहा कि बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है, हालांकि आरबीआई और सेबी के कदमों से अस्थिरता को कम करने में मदद मिली है.