Advertisement

इन 5 वजहों से पिछले 3 दिनों में 1400 अंक टूटा शेयर बाजार, समझ लें हिसाब-किताब

पिछले तीन दिनों में भारतीय शेयर बाजार 1400 अंक टूटा है. शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 60 हजार के नीचे बंद हुआ और निफ्टी भी लाल निशान में क्लोज हुआ. साल 2022 रिटेल निवेशकों के लिए कुछ खास बेहतर नहीं रहा है.

शेयर मार्केट में गिरावट की क्या है वजह? शेयर मार्केट में गिरावट की क्या है वजह?
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST

इस हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर मार्केट (Share Market) लाल निशान में बंद हुआ. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 60,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से टूटकर नीचे आ गया. निफ्टी (Nifty) भी 18,000 के स्तर से नीचे गिरकर बंद हुआ. 2023 के शुरुआती सप्ताह में मार्केट की चाल ने निवेशकों को निराश किया है. क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों के बाद दलाल स्ट्रीट में लौटे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भी रंग नहीं जमा पा रहे हैं.

Advertisement

वैश्विक स्तर पर बड़े घटनाक्रम

पिछले कुछ हफ्तों में वैश्विक स्तर पर कुछ बड़े घटनाक्रम हुए हैं. चीन में बढ़ते कोविड के मामले ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है. यूस फेडरल रिजर्व ने ब्याद दरों में बढ़ोतरी को लेकर नरमी बरतने के संकेत नहीं दिए हैं. बीते दिनों इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने अमेरिका, यूरोप और चीन में मंदी के संकेत दे दिए हैं. इस वजह से आर्थिक मंदी की आशंका अमेरिका में गहराने लगी है. इस सप्ताह की शुरुआत में कच्चे तेल की कीमतों में दो दिन में 9 प्रतिशत की गिरावट ने डिमांड को लेकल टेंशन बढ़ा दी है. 

घरेलू खुदरा निवेशकों के लिए खराब रहा साल

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ग्लोबल अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है, तो भारत इसका अपवाद नहीं होगा. इसलिए फिलहाल वैश्विक स्तर पर निवेशक स्थिति का जायजा ले रहे हैं. घरेलू खुदरा निवेशकों के लिए 2022 थोड़ा निराशाजनक था, जिसे इक्विटी बेंचमार्क से 4 प्रतिशत का रिटर्न प्राप्त हुआ था. लेकिन वैश्विक स्तर पर प्रमुख बाजार (रूस को छोड़कर) पिछले साल स्थानीय मुद्राओं में 25 प्रतिशत तक गिर गए. इस सप्ताह रुपये के नए निचले स्तर पर गिरने के साथ FPI के पास खेल बिगाड़ने के कई कारण हैं. 

Advertisement

वैल्यूएशन

निफ्टी 12 महीने के फॉरवर्ड रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) पर 16 फीसदी पर कारोबार कर रहा है, जो इसके लॉन्ग टर्म एवरेज से ऊपर है. 2022 में कोरियाई बाजार में 25 प्रतिशत की गिरावट आई. ताइवान के बाजार में 22 प्रतिशत टूटे, चीनी शेयरों में 15 प्रतिशत की गिरावट देखी गई और रूस के शेयरों में 31 प्रतिशत की तेज गिरावट दर्ज की गई थी.

इन सभी के मुकाबले भारतीय शेयर मार्केट 2022 में 4 प्रतिशत ऊपर था.  P/E टर्म्स के लिहाज से MSCI इंडिया इंडेक्स MSCI EM index के 67 फीसदी के ऐतिहासिक औसत से 132 फीसदी प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है. यही कारण था कि वैश्विक ब्रोकरेज भारत पर अधिक पॉजिटिव नहीं थे.

फेडरल रिजर्व का आक्रामक रुख

ऐसा लगता है कि यूएस फेड दर वृद्धि चक्र को समाप्त करने के मूड में नहीं है. एक मजबूत जॉब मार्केट इस आशंका को हवा दे रहा है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी लंबी अवधि तक जारी रह सकती है. रॉयटर्स के अनुसार, 13-14 दिसंबर की पॉलिसी मीटिंग में अमेरिकी नीति निर्माताओं ने महसूस किया कि केंद्रीय बैंक को अपनी आक्रामक ब्याज दर वृद्धि की गति धीमी करनी चाहिए.

रुपये की कमजोरी

शुक्रवार के कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 15 पैसे बढ़कर 82.47 पर कारोबार कर रहा था. लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में घरेलू मुद्रा 22 पैसे की गिरावट के साथ डॉलर के मुकाबले 83 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुई थी. कमजोर घरेलू FPI के निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को खा जाती है. ICICI direct का मानना है कि रुपये को 84 के स्तर के पास रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, यह आने वाले महीनों में घरेलू मुद्रा को 78 के स्तर पर वापस मजबूत होते हुए देखता है. क्योंकि भारतीय इकोनॉमी बाकी के देशों के मुकाबले मजबूत स्थिति में है. 

Advertisement

कंपनियों के आएंगे नतीजें

सोमवार से शुरू हो रहे दिसंबर तिमाही के नतीजों से पहले निवेशक सतर्क हैं. 12 जनवरी को इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और साइएंट और 13 जनवरी को विप्रो सहित कुछ आईटी कंपनियों के रिपोर्ट आ सकती है. एचडीएफसी बैंक 14 जनवरी को दिसंबर तिमाही के नतीजों की रिपोर्ट पेश करने वाला पहला बैंक होगा. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के तिमाही नतीजे 17 जनवरी को आएंगे.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement